कोलम्बिया। 2014 में लेखक गार्सिया मार्केज़ की मृत्यु के बाद से उनमें और उनके गृहनगर में उनके लेखन में रुचि बढ़ी है। आज नज़ारा यह है, किसी भी ब्लॉक से गुजरें, वहां मार्केज़ की याद में बने स्मारक दिखाई देंगे। उसके नाम के संकेत, भित्ति चित्र, मूर्तियां, सड़क के संकेत, बेसबॉल कैप से कॉफी मग सहित बहुत सारे और सामान की भरमार है। मालूम हो, उनके बेटे उनके आखिरी नावेल को उनके मरने के बाद छपवा रहे हैं।
मार्केज़ इस नावेल को जीते जी नष्ट करना चाहते थे।
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