KARTARPUR : कुछ लोग खेतों से 4 फ़ीट तक मिट्टी निकाल कर ले गए
जालंधर। करतारपुर/KARTARPUR के चीमा और अंबिया तोफा गांव में अवैध खनन को लेकर रिटायर्ड IES अफसर मोहिंदर सिंह विर्दी, इंटक के प्रधान सोहन लाल बावा जी और सेना से रिटायर्ड सूबेदार जगरूप सिंह ने आज प्रेस कांफ्रेंस की। विर्दी ने विस्तृत जानकारी दी कि कैसे कुछ लोग खेतों से 4 फ़ीट तक मिट्टी निकाल कर ले गए हैं। उन्होंने कहा, इस बारे में डीसी जालंधर को भी मांग पत्र दिया गया है और उनसे मांग की गई इस मामले में तुरंत कार्रवाई हो। डीसी ने उन्हें उम्मीद दिलाई कि वो जल्द इस मामले की जांच कराएंगे।
बताया गया कि लगभग 300-400 एकड़ भूमि है जो तत्कालीन सरकार की नीति के अनुसार बहुत पहले 1960 के दशक में सरप्लस घोषित की गई थी। वही नीति आज तक जारी है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। हालाँकि उसी अतिरिक्त भूमि में से अनेक भूमिहीन किसानों/मजदूरों को भूमि आवंटित कर कब्जा दे दिया गया तथा वे आज भी उस पर खेती कर रहे हैं, परन्तु उनमें से अधिकांश को कब्जा देने से मना कर दिया गया तथा उक्त भूमि को लेकर आज भी कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
KARTARPUR : 5 से 10 गांवों के निवासियों के लिए बहुत बड़ा खतरा
ये भी बताया गया कि इन परिस्थितियों में यह समझ में नहीं आ रहा है कि इस खनन की अनुमति कैसे तथा किस अधिकारी ने दी, जबकि मामला न्यायालय में विचाराधीन है। सबसे बड़ी बात यह है कि यह आसपास के लगभग 5 से 10 गांवों के निवासियों के लिए बहुत बड़ा खतरा है, क्योंकि इस भूमि पर लगभग 3 से 4 फीट गहराई तक खनन किया जा रहा है।
मालूम हो, यह वर्तमान पंजाब/केंद्र सरकार की खनन नीति के सभी नियमों के भी विरुद्ध है। इन गांवों को जाने वाली सड़क भी पूरी तरह से टूटी हुई है और लोगों के लिए उस पर गाड़ी चलाना बहुत खतरनाक है, अब इन लोडेड डंपरों के कारण यह पूरी तरह से टूट जाएगी और लोगों को बहुत परेशानी होगी। यह बात अक्टूबर/नवंबर, 2022 में सरकार और स्थानीय विधायक के संज्ञान में लाई गई थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ ये डंपर पूरी तरह से लोड होने के बाद इतनी तेजी से सड़क पर चल रहे हैं कि यात्रियों की जान को बहुत खतरा है, कार, ट्रॉली और यहां तक कि स्कूटर और साइकिल सवार के लिए भी कोई रास्ता नहीं है। उन्होंने कहा, लोग पहले ही टूटी सड़क पर गिर कर घायल हो रहे हैं पर प्रशासन सुध नहीं ले रहा। इसलिए भी अवैध खनन तुरंत बंद किया जाना चाहिए।
KARTARPUR : विधायक/मंत्री की मिलीभगत के बिना ऐसा किया जाना मुश्किल
विर्दी ने कहा, उन्हें आशंका है कि स्थानीय विधायक/मंत्री की मिलीभगत के बिना ऐसा किया जाना मुश्किल है। उन्होंने बताया, पहले भी इसी भूमि पर ऐसा करने की कोशिश की गई थी, जब स्थानीय नगर निगम करतारपुर ने पूरे करतारपुर शहर का कूड़ा-कचरा वहां फेंकने और इसे स्थायी डंप बनाने की कोशिश की थी, जिसका इन गांवों के निवासियों ने विरोध किया था और करतारपुर नगर निगम को अपने ट्रक वापस ले जाने पड़े थे।
उन्होंने डी.सी. से ये भी मांग की, सरकार की नीति के अनुसार खनन अपराधियों और भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अपराधियों को सजा दिलाने के लिए उच्च स्तरीय जांच जल्द शुरू की जाए। इस अतिरिक्त भूमि को भूमिहीन किसानों और मजदूरों, जो इस भूमि के मूल आवंटी थे और इसके अलावा नए भूमिहीन किसानों/मजदूरों में वितरित किया जाए ताकि वो जीवन यापन शुरू कर सकें।