Mahakumbh 2025, 13 जनवरी से शुरू हो रहा है। समापन महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को होगा।
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Mahakumbh 2025 : इस बार क़रीब 45 करोड़ से ज्यादा लोगों के आने की संभावना।
महाकुंभ 2013 के महाकुंभ में करीब 12 करोड़ तीर्थयात्री आए थे।
साधुओं समेत 50 लाख तीर्थयात्री पूरे महाकुंभ के दौरान शिविरों में रहेंगे।
Mahakumbh 2025, 45 दिनों तक चलेगा यह मेगा इवेंट।
॰ प्रयागराज के नदी तट के एक भाग पर एक अस्थायी जिला बनाया गया है।
॰ इस नए जिले के डीएम, विजय किरण आनंद बनाये गए हैं जिन्होंने कहा, हम हर चुनौती के लिए तैयार हैं।
॰ पंचांग के अनुसार, महाकुंभ में 6 शाही स्नान होंगे। पहला शाही स्नान पौष पूर्णिमा पर 13 जनवरी को होगा। इस स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
॰ दूसरा शाही स्नान मकर संक्रांति पर 14 जनवरी को होगा। इस स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट पर शुरू होकर सुबह 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।
॰ तीसरा शाही स्नान मौनी अमावस्या पर 29 जनवरी को होगा। इस स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 25 मिनट पर शुरू होकर सुबह 6 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगा।
॰ चौथा शाही स्नान बसंत पंचमी के दिन होगा। इस स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 23 पर शुरू होकर 6 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
॰ 5वां शाही स्नान माघी पूर्णिमा पर 12 फरवरी को होगा। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 19 मिनट से शुरू होकर सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।
॰ आखिरी शाह स्नान महाशिवरात्रि पर 26 फरवरी को होगा। इस दिन स्नान का ब्रह्म मुहूर्त 5 बजकर 9 मिनट पर शुरू होकर सुबह 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा।
॰ कुंभनगर जिला छह हजार हेक्टेयर में बसाया गया है। चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में मेला और 1900 हेक्टेयर क्षेत्रफल में पार्किंग बनाई गई है।
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॰ निर्माण सामग्री, जैसे बांस के खंभे, रस्सियां, धातु, फाइबर और प्लास्टिक, आस-पास के गांवों, छोटे शहरों और देश के अन्य हिस्सों में पुनः उपयोग के लिए भेजी जाएँगी जिससे कचरे को कम करने और पुनः उपयोग को बढ़ावा देने वाली एक चक्रीय उपभोग प्रणाली विकसित हो।
॰ इस साल के कुंभ मेले में एकल-उपयोग प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध है। सौर ऊर्जा चालित हाइब्रिड स्ट्रीट लाइट्स, अधिक कुशल कचरा निपटान प्रणालियां, और कचरा अलग अलग रखने को बढ़ावा देने जैसी पहल शामिल हैं।
॰ महाकुंभ में खाना बनाने, कपड़े धोने वगैरह से पैदा हुए अपशिष्ट जल, मल-मूत्र जैसे मानव अपशिष्ट का निपटारा और ट्रीटमेंट बड़ी चुनौती है। इसके लिए इसरो (इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेश) और बार्क (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) जैसे एजेंसियों की तरफ से पार्टनरशिप में विकसित तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
॰ चिंतन रिसर्च फाउंडेशन की रिसर्च असिस्टेंट तान्या चटर्जी ने मेले पर शोध कर बताया, चीजें बेहतर हुई हैं।
॰ जून, 2024 में एमआईटी स्लोअन मैनेजमेंट रिव्यू में पेरिस ओलंपिक में डी-कार्बानाइजेशन प्रयासों का जिक्र किया गया था। इसी आधार पर तान्या चटर्जी ने कुंभ मेले का आकलन किया है।
॰ डीकार्बनाइजेशन का मतलब है -मुख्य रूप से इस्तेमाल की जाने वाली निर्माण सामग्री और उनका दोबारा इस्तेमाल।
॰ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ तक जाने वाले 7 रास्तों पर पुलिस की 102 चौकियां बनाई गई हैं।
॰ इन सातों रास्तों पर आने जाने वाले वाहनों और लोगों की गहन जांच की जाएगी। कुल 50 हज़ार पुलिस कर्मी सुरक्षा में लगे में हैं।
॰ 1000 से ज्यादा पुलिस जवान इन रास्तों पर तैनात रहेंगे। महाकुंभ में 5 वज्र वाहन, 10 ड्रोन और 4 तोड़-फोड़ विरोधी टीमें 24 घंटे गश्त करेंगी।
॰ मंदिरों और अखाड़ों की सुरक्षा के लिए भी प्रयागराज के चारों ओर अभेद्य सुरक्षा चक्रव्यूह बनाया गया है।
॰ आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और प्रांतीय सशस्त्र बल (PAC) तैनात है। पुलिस पानी के अंदर ड्रोन और AI टेक्नोलॉजी से युक्त कैमरों का इस्तेमाल भी मेले की निगरानी के लिए करेगी।
॰ अंडरवाटर ड्रोन 300 मीटर के दायरे में किसी भी डूबते व्यक्ति को खोजने में सक्षम होगा। साथ ही 1 मिनट में डेढ़ किलोमीटर की दूरी तय कर सकेगा।
॰ पूरे महाकुंभ एरिया में 2700 AI कैमरे लगाए गए हैं और 113 ड्रोन पानी के अंदर से निगरानी करेंगे।
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॰ निर्माण और सजावट के अलावा कार्बन उत्सर्जन का सबसे बड़ा घटक भोजन और खानपान था। इसे कम करने के लिए पेरिस टीम ने स्थानीय स्रोतों और पौधों पर आधारित आहार को प्राथमिकता दी। उन्होंने सक्रिय अपशिष्ट प्रबंधन को भी बढ़ावा दिया, जिसमें ऐसा भोजन जो बिका नहीं उसे दान किया गया और दोबारा इस्तेमाल किया गया साथ ही खाद्य अपशिष्ट को पशु चारा, खाद और ऊर्जा में परिवर्तित करना शामिल था।
॰ कुंभ मेले में पूरी तरह से शाकाहारी भोजन उपलब्ध है। बचे हुए भोजन को बर्बाद नहीं करके पशु चारे में परिवर्तित कर दिया जायेगा।
॰ उत्तर प्रदेश सरकार ने पर्यावरण-अनुकूल टैक्सियों और ऑटो रिक्शा की शुरुआत की है, जिन्हें ऑनलाइन बुक किया जा सकता है। कॉम्फी ई-मोबिलिटी नाम की कंपनी ने इस ई-मोबिलिटी की पहल की है जो इन सेवाओं को महाकुंभ में लॉन्च कर रही है।
॰ दोना (पत्तों के कटोरे), पत्तल (पत्तों की थालियां), कुल्हड़ (मिट्टी के कप), और जूट और कपड़े के बैग को महत्व। आने वालों को प्लास्टिक बायबैक प्रोग्राम के माध्यम से इस्तेमाल किया हुआ प्लास्टिक बेचने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
॰ जिले को स्वच्छ रखने के लिए एक बड़ी टीम लगाई गई है, जिसमें एक नोडल अधिकारी स्वच्छता और प्लास्टिक मुक्त वातावरण सुनिश्चित कर रहे हैं।
॰ यूपी रोडवेज ने महाकुंभ मेले के लिए 7000 बसें चलाने की तैयारी की है। साथ ही 550 शटल बसें भी दौड़ेंगी।
॰ महाकुंभ में पंच दशनाम जूना अखाड़े के नागा संन्यासी, महामंडलेश्वर, महंत, साधु-संत, मठाधीश के अलावा रमता पंच, आश्रमधारी सब पहुंच रहे हैं।
॰ कुल 12776करोड़ रुपये खर्च किये जा रहे हैं। योगी सरकार 7,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है।
॰ मेले के लिए केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने मिलकर 410 से अधिक परियोजनाओं को पूरा किया है।
॰ इनमें से 1600 करोड़ रुपये कचरे के निपटारे और ट्रीटमेंट के लिए रखे गए हैं।
योगी सरकार ने मेला क्षेत्र को यूपी का 76वां जिला घोषित कर रखा है।
॰ मेला मैदान को 25 सेक्टरों में बांटा गया है। 29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान है। अधिकारियों को उम्मीद है कि उस दिन महाकुंभ में करीब 50 लाख तीर्थयात्री आस्था की डुबकी लगाएंगे।
॰ अधिकारियों का कहना है कि इन लोगों से हर दिन करीब 1.6 करोड़ लीटर मल और तकरीबन 24 करोड़ लीटर गंदा पानी पैदा होने की संभावना है।
॰ मेला क्षेत्र में 1.45 लाख शौचालय बनाए गए हैं। इनके अस्थायी सेप्टिक टैंकों में इकट्ठा होने वाले कचरे और स्लज के ट्रीटमेंट के लिए फेकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट (FSTPs) स्थापित किए गए हैं। कचरे के ट्रीटमेंट के लिए आधुनिक तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।
॰ मेले की अवधि के दौरान प्रयागराज को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने के लिए 13 हजार से ज्यादा ट्रेनें और 250 उड़ानें उपलब्ध होंगी।
॰ वाराणसी और अयोध्या की एक दिन की यात्राएं भी की जा सकेंगी।
॰ गंगा आरती देखने के लिए वाराणसी की तर्ज पर रिवर क्रूज की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
॰ पांच लाख कारों को समायोजित करने वाले 100 से ज्यादा पार्किंग स्थल बनाए गए हैं।
॰ नए जिले के सभी 25 सेक्टरों में कई भाषाओं में संवाद करने में सक्षम 100 गाइड उपलब्ध होंगे।
॰ एक 100 बेड वाला अस्पताल, 20 बिस्तरों वाले दो उप-केंद्र अस्पताल और 25 मेडिकल सेंटर स्थापित। 125 एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर रहेंगी।
॰ याद रहे 1954 में हुई भगदड़ में सैकड़ों लोगों की मौत हो गई थी।
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