heart wrenching : लड़कियों की उम्र 7-11 साल के बीच थी, शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
मुजफ्फरपुर : heart wrenching : एक दिल दहला देने वाली घटना में, मुजफ्फरपुर जिले के सकरा पुलिस स्टेशन के तहत नवलपुर मिश्रौलिया गांव में एक महादलित परिवार के छह लोगों ने, जिसमें तीन बेटियां और दो बेटे शामिल थे, आत्महत्या की कोशिश की। पिता और उनकी तीन बेटियों की मौत हो गई, जबकि दो बेटे किसी तरह बच गए। पुलिस ने सोमवार को इस सारे माजरे के बारे में बताया।
मृतकों की पहचान अमरनाथ राम और उनकी तीन बेटियों राधा कुमारी, राधिका और शिवानी के रूप में हुई है। स्थानीय लोगों के अनुसार, लड़कियों की उम्र 7-11 साल के बीच थी। बताया जाता है कि कुछ समय पहले पत्नी की मौत के बाद बच्चों को पालने में आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने सामूहिक आत्महत्या की कोशिश की।
सूचना मिलने पर पुलिस टीम मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। यह घटना सोमवार सुबह सामने आई।
दो बेटे – जिनकी उम्र 6 और 4 साल है, बच गए। वो दोनों मदद के लिए चिल्लाते हुए घर से बाहर आए। उन्होंने गांव वालों को घटना के बारे में बताया। बेटों ने बताया, “हमारे पिता ने मां की साड़ी ली, उसे हमारे गले में कसकर बांधा, साड़ी को छत से लटकाया और सभी को स्टील के बक्से पर चढ़कर कूदने के लिए कहा।”
यह कदम उठाने से पहले, परिवार के सदस्यों ने एक साथ खाना खाया था और अंडे की भुर्जी, आलू, सोयाबीन की सब्जी और चावल खाए थे। बेटों में से एक ने बताया कि खाना मेरी बहन ने बनाया था, और बताया कि उनकी मां की इस साल मार्च में ही मौत हो गई थी और पिता ही उनका ख्याल रखते थे।
उसने याद किया कि उनके पिता ने आधी रात को सभी को जगाया। “मैं मोबाइल पर गेम खेल रहा था इसलिए सो नहीं पाया। परिवार के सभी सदस्य मेरे पिता के साथ कूद गए। क्योंकि साड़ी ढीली बंधी थी, जब मेरे गले में दर्द हुआ तो मैंने किसी तरह साड़ी को फंदे से निकाल लिया। इसके बाद, मैंने अपने छोटे भाई के गले से फंदा खोला, बाहर गया और पड़ोसियों से मदद मांगी,” बेटे ने बताया।

उनकी चीखें सुनकर पड़ोसी आए और उन्होंने पिता और बेटियों को फंदे से बाहर निकाला, लेकिन वे उन्हें बचा नहीं पाए।
घटना के बारे में जानकारी देते हुए मुजफ्फरपुर एसएसपी सुशील कुमार ने कहा, “घटना का सही कारण अभी पता नहीं चला है। मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।”
हालांकि, स्थानीय लोगों ने इस घटना को सामूहिक आत्महत्या का मामला बताया और पुलिस को यह भी बताया कि राम बहुत ज्यादा आर्थिक तनाव में थे और पत्नी की मौत के बाद परिवार का ठीक से ख्याल नहीं रख पा रहे थे। मृतक के चाचा ने कहा, “उसने आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठाया, घर में बिजली नहीं थी और खाने का सामान भी नहीं था।”





