146 सांसद निलंबित: ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘लोकतंत्र खतरे में है’
नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के दौरान संसद से बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्षी नेताओं ने शुक्रवार को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
13 दिसंबर की सुरक्षा उल्लंघन के बारे में गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग करने पर पिछले हफ्ते संसद के दोनों सदनों से 146 सांसदों को निलंबित कर दिया गया था।
मालूम हो दो घुसपैठियों ने विज़िटर गैलरी से कूदकर और पीला धुआं छोड़ कर संसद में धावा बोल दिया था। जिन सांसदों को निलंबित किया गया है, वे इंडिया ब्लॉक का हिस्सा हैं, जो 2024 के आम चुनाव में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को हराने के लिए 28 विपक्षी दलों द्वारा इस साल बनाया गया गठबंधन है।
शुक्रवार को विपक्षी सांसद दिल्ली के जंतर-मंतर पर ‘लोकतंत्र बचाओ’ और ‘लोकतंत्र खतरे में है’ की तख्तियां और बैनर लिए नजर आए।
सुरक्षा उल्लंघन के मामले पर संसद में चर्चा की मांग
विपक्षी सांसदों ने 13 दिसंबर को सुरक्षा उल्लंघन के मामले पर संसद में चर्चा की मांग की, लेकिन दोनों सदनों के अध्यक्षों ने उन पर अव्यवस्था पैदा करने का आरोप लगाया।
दूसरी ओर, पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने विपक्षी सदस्यों से सुरक्षा उल्लंघन की जांच के लिए गठित जांच के निष्कर्षों का इंतजार करने को कहा था। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर संसद में सुरक्षा उल्लंघन की घटना को मौन और अप्रत्यक्ष समर्थन देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी हार से हताशा में इस घटना को राजनीतिक मोड़ दे रहे हैं।
निलंबित विपक्षी दलों के सांसदों को आज भी संसद कक्ष में प्रवेश करने से रोक दिया गया है क्योंकि यह संसद के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पार्टी नेता राहुल गांधी, एनसीपी नेता शरद पवार, सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी और अन्य नेता दिल्ली के जंतर-मंतर पर सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्ष के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है
निलंबित सांसदों में से एक वरिष्ठ कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शुक्रवार को कहा कि यह रैली हमारे लोकतंत्र के सामने मौजूद खतरनाक स्थिति की ओर जनता का ध्यान आकर्षित करने के लिए है।
उन्होंने कहा, इतिहास में कभी भी 146 सांसदों को निलंबित नहीं किया गया। यह लोकतंत्र पर एक धब्बा है।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विपक्ष केंद्र के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ेगा। भारत में लोकतंत्र का गला घोंटा जा रहा है। अगर संसद बिना विपक्ष के चलनी पड़े, अगर सवाल पूछने की आज़ादी न हो, अगर सरकार की जवाबदेही तय न हो, और अगर संविधान का पालन न हो, तो इसका क्या मतलब रह जाएगा संसद का।
सीपीआई (एम) नेता सीताराम येचुरी ने केंद्र के खिलाफ इसी तरह का सुर बोला। येचुरी ने कहा, हमें उन लोगों से लोकतंत्र को बचाने की जरूरत है जो वर्तमान में सत्ता में हैं। संसद में सुरक्षा उल्लंघन की घटना के लिए भाजपा को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।
कांग्रेस नेता मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने कहा, 5-6 सांसदों को निलंबित करना ठीक है लेकिन लगभग 150 सांसदों को निलंबित करना लोकतंत्र की मौत है।
विरोध में दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अरविंदर सिंह लवली ने कहा, जिस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है, वह हमारे देश पर कलंक है। अगर कोई सांसद संसद के बाहर कोई मुद्दा उठाता है, तो ईडी नोटिस देती है। अगर कोई सांसद संसद में कोई मुद्दा उठाता है, तो ईडी नोटिस देती है।
अध्यक्ष ने सांसद को सदन से निलंबित कर दिया।
जंतर-मंतर पर भारतीय दलों के विरोध प्रदर्शन पर कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा, क्या कभी इतने सारे सांसदों को निलंबित किया गया है? हमने केवल गृह मंत्री से बयान की मांग की थी।