सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहां
ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहां
ख़्वाजा मीर दर्द के कहे इस शेर में एक बेहद ज़रूरी संदेश है। एक बार उम्र बीतने के बाद फिर सफ़र करना आसान नहीं रह जाता। एक ही ज़िंदगी है इसलिए ख़ूब यात्राएं करनी चाहिए। अब ज़िन्दगी है कि रोज़, हर पल बीत रही है। रुकने वाला कुछ नहीं है।
आप सोच रहे होंगे कि अचानक यात्रा की क्या सूझी।
अजी, मौका भी और दस्तूर भी। दिसंबर की छुट्टियाँ भी हैं और नए साल का आगमन भी। तो ऐसे में घूमना आसान हो जाता है। पूरा साल वैसे भी काम को दिया है तो कुछ समय अपने लिए निकाला जा सकता है।
वैसे तो अपना देश घूमने के लिए मस्त है। श्रीनगर, डलहौज़ी, मुंबई, केरल जैसी कई जगहें हैं जहां जन्नत जैसे नज़ारे हैं। अगर आपने किसी और देश जाने का भी सोच रखा है तो अब रास्ते उसके लिए भी आसान हैं।
पिछले दिनों में कई ऐसे देश हैं जिन्होंने वीज़ा फ्री एंट्री की सुविधा दे रखी है। ये देश हैं ईरान, थाईलैंड, श्रीलंका, मलेशिया, वियतनाम, मालदीव, ताइवान, बारबाडोस, भूटान, नेपाल, मॉरीशस, हैती, हांगकांग और डॉमिनिका आदि।
चाहे इन देशों में जाना फ्री है पर फिर भी बहुत कुछ ऐसा है जो ध्यान में रखा जाना चाहिए।
‘पासपोर्ट इंडेक्स’ के मुताबिक जानिए क्या हैं वो बातें –
पासपोर्ट की वैलिडिटी- पासपोर्ट एक सरकारी दस्तावेज है जो आपकी पहचान, राष्ट्रीयता और नागरिकता को साबित करता है। इससे आप दूसरे देशों में प्रवेश कर सकते हैं। पासपोर्ट में आपकी व्यक्तिगत जानकारी, फोटोग्राफ और यूआईएन (विशिष्ट पहचान संख्या) होती है।
कई देशों के लिए आवश्यक है कि जब आप उनके देश में प्रवेश करें तो आपका पासपोर्ट कम से कम 6 महीने के लिए वैध हो।
ठहरने की अवधि- जो देश आपको वीज़ा मुक्त प्रवेश देते हैं, उन्हें आपके ठहरने का समय तय करना होगा। प्रत्येक देश अपनी समय सीमा स्वयं निर्धारित करता है। यह समय सीमा कुछ सप्ताह से लेकर कुछ महीनों तक हो सकती है।
यदि आप उस समय से अधिक समय तक रुकते हैं, तो आप पर जुर्माना लगाया जा सकता है, आपको निर्वासित किया जा सकता है या अन्यथा मुकदमा चलाया जा सकता है।
लेकिन अगर आप अपनी समय सीमा बढ़ाना चाहते हैं, तो आपको वह देश छोड़कर एक बार फिर से प्रवेश करना पड़ सकता है। लेकिन इसके लिए आपको बेहद सतर्क रहना होगा। प्रत्येक देश में दोबारा प्रवेश को लेकर भी अलग-अलग नियम हैं।
बैंक खाते में पर्याप्त पैसे- कई देशों को पर्याप्त धनराशि की आवश्यकता होती है ताकि आपको यात्रा के दौरान काम करने की आवश्यकता न पड़े। इसलिए आपको अपना बैंक विवरण दिखाना होगा या नकद आरक्षित या वैध क्रेडिट कार्ड विवरण साझा करना होगा।
वापसी या आगे का टिकट- अधिकांश देशों में यह भी आवश्यक है कि आपके पास वापसी या आगे का टिकट हो। यह उनके लिए सबूत होगा कि आप तय समय सीमा के बाद उनका देश छोड़ देंगे।
निवास की जानकारी- कुछ देश आपसे आपके निवास के बारे में भी जानकारी मांगते हैं। तो आपको अपने होटल की रसीद या ‘निमंत्रण पत्र’ उस मित्र या रिश्तेदार को देना पड़ सकता है जिसके साथ आप ठहर रहे हैं। इसके साथ ही आपको अपनी पूरी यात्रा का हिसाब भी देना होगा।
यात्रा बीम – हालांकि यह हमेशा जरूरी नहीं होता, लेकिन यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। वे चिकित्सा आपात स्थिति, यात्रा रद्द होने और सामान चोरी जैसी परेशानी के समय में आपकी आर्थिक मदद कर सकते हैं।
आपराधिक रिकॉर्ड – कभी-कभी यात्रियों से उनका आपराधिक रिकॉर्ड भी पूछा जाता है। कभी-कभी अगर किसी छोटे से मामले में भी आपका नाम आ जाए तो आपकी एंट्री ब्लॉक की जा सकती है।
सीमा शुल्क और अन्य नियम- जिस देश की आप यात्रा कर रहे हैं उस देश के सीमा शुल्क और घोषणा नियमों को ध्यान से पढ़ें। इसलिए आपको अपने साथ लाए गए कीमती सामान, नकदी और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के बारे में जानकारी देनी होगी।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जब भी कोई देश आपको वीज़ा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है, तो आपको यात्रा के बाकी नियमों से परिचित होना चाहिए।
किसी भी देश में जाने से पहले हमेशा दूतावास और सरकारी नियमों को ध्यान से पढ़ लें ताकि वहां पहुंचने पर आपको कोई परेशानी न हो।
देश अपनी आर्थिक हालत मजबूत कर रहे
दरअसल, ये देश अगर फ्री वीजा एंट्री देते हैं तो घूमने वाले लोगों की संख्या बढ़ेगी। उनकी आर्थिक सेहत मजबूत होगी। कोविड के कारण आर्थिकता को पटरी पर लाने के लिए संसाधन जुटाए जा रहे हैं। ये साधन उनमें से एक है।
बीबीसी के मुताबिक, अक्टूबर में बुकिंग.कॉम और मैकिन्से एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित ‘हाउ इंडिया ट्रैवल्स’ यात्रा रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीयों ने 2019 में घरेलू और विदेशी यात्रा पर 150 बिलियन (15,000 करोड़) डॉलर खर्च किए।
रिपोर्ट के मुताबिक, अनुमान है कि 2030 तक यह खर्च 173 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 410 बिलियन (41,000 करोड़) डॉलर तक पहुंच सकता है।
इसके साथ ही यात्रा पर खर्च करने के मामले में भारत दुनिया में छठे स्थान पर है। अनुमान है कि 2030 तक भारत चौथे स्थान पर पहुंच जाएगा।
इस प्रकार, भारतीयों ने 2019 में 2.3 बिलियन (230 करोड़) यात्राएँ कीं, जो 2030 तक बढ़कर 5 बिलियन (500 करोड़) हो जाएँगी।
इसका 25 प्रतिशत हिस्सा विदेश यात्राओं पर किया गया है। साल 2022 में ये आंकड़ा बढ़कर 35 फीसदी हो गया है. 2030 तक यह आंकड़ा इतना ही रहने की उम्मीद है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘कोविड-19 के बाद भारतीय यात्रा को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। भारतीय काम और यात्रा के लिए पहले से कहीं अधिक यात्रा कर रहे हैं।