BANARAS : निशि ओझा सॉफ्टवेयर इंजीनियर, नेहा ओझा MBA अर्थी लेकर पहुंची
बनारस। (राजेश ओझा )- BANARAS DAUGHTERS CREMATED FATHER : आज हरिश्चंदर घाट पर सबकी आँखें नम थीं। दो बेटियों के पिता नहीं रहे। मसला ये भी था कि भाई नहीं है तो पिता की अर्थी को कांधा कौन देगा। मुखाग्नि देने का भी प्रश्न लोगों के मन में चल रहा था। बेटियां पढ़ी लिखी हैं तो उन्होंने मन बनाया कि अपने पिता हरेन्दर नाथ ओझा के सारे किरया कर्म वो खुद ही करेंगी।
पंडित के कहे अनुसार सब कुछ किया गया। हरिश्चंदर घाट पर निशि ओझा सॉफ्टवेयर इंजीनियर और बहन नेहा ओझा MBA जब पिता हरेन्दर नाथ ओझा की अर्थी लेकर पहुंची तो नातेदार, रिश्तेदार और अन्य लोगों की आँखें छलक पड़ीं। बहनों ने ही चिता को मुखाग्नि दी।
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