Banaras. कला आपके अंतः मन का सौंदर्य प्रकट करती है। इस विचार से ओत-प्रोत 19 कलाकारों ने अहिवासी गैलरी, दृश्य कला संकाय काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में चित्रकला ,मूर्तिकला ,सेरामिक और व्यवहारिक विधा को चारू चिंतन शीर्षक से अपनी कला कृतियों को प्रदर्शित किया। इसका उद्घाटन मुख्य तिथि प्रो. अनुपम कुमार नेमा छात्र अधिष्ठाता काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने किया। इसमें विशिष्ट अतिथि डा. उत्तमा संकाय प्रमुख दृश्य कला संकाय थीं। इन्होंने इस प्रदर्शनी को एक सार्थक प्रयास कहा और भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। प्रदर्शनी क्यूरेटर डा नेहा वर्मा ने प्रदर्शनी को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
युवा चित्रकला विधा से श्वेता विश्वकर्मा, आकांक्षा जैसवाल, श्रेया मिश्रा, कौशिकी चौहान, चन्दन सिंह, राहुल कुमार, टेक्सटाइल विधा से दीपक कुमार, सुनिधी राय, मूर्तिकला एवं सेरामिक विधा से संदीप कुमार, किशन लाल, विनयमाला सिंह, स्मर्णिका यादव ,मनीष सिंह, आंशी गुप्ता,अनुराधा यादव और व्यवहारिक कला से दिव्या भारती , सोनी कुमारी, उत्कर्ष कुमार गौतम, योगेश तिवारी की कलाकृतियां निश्चित ही सराहनीय रही।