By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
Telescope TimesTelescope TimesTelescope Times
Notification Show More
Font ResizerAa
  • Home
  • Recent Post
  • My Punjab
  • National
  • International
  • Cover Story
  • Health & Education
  • Web Stories
  • Art/Cinema & More
    • Science & Tech
    • Food & Travel
    • Fashion & Style
    • Sports & Stars
  • E-Paper Telescope Times
Reading: ‘बारूद के बिस्तर पर’ पुस्तक का विमोचन, लेखक प्रो. अनूप ने कहा, गज़लें आवाम की बात करती हैं
Share
Font ResizerAa
Telescope TimesTelescope Times
Search
  • Home
  • Recent Post
  • My Punjab
  • National
  • International
  • Cover Story
  • Health & Education
  • Web Stories
  • Art/Cinema & More
    • Science & Tech
    • Food & Travel
    • Fashion & Style
    • Sports & Stars
  • E-Paper Telescope Times
Have an existing account? Sign In
Follow US
Telescope Times > Blog > Art & Cinema > ‘बारूद के बिस्तर पर’ पुस्तक का विमोचन, लेखक प्रो. अनूप ने कहा, गज़लें आवाम की बात करती हैं
Art & Cinema

‘बारूद के बिस्तर पर’ पुस्तक का विमोचन, लेखक प्रो. अनूप ने कहा, गज़लें आवाम की बात करती हैं

The Telescope Times
Last updated: March 12, 2024 11:47 am
The Telescope Times Published March 12, 2024
Share
SHARE

वाराणसीः BHU से संबद्ध आर्य महिला पी.जी. कॉलेज के सभागार में विश्वविद्यालय के हिंदी के विभागाध्यक्ष प्रो. वशिष्ठ अनूप द्वारा रचित ग़ज़ल संग्रह ‘बारूद के बिस्तर पर’ पुस्तक का विमोचन किया गया।

इस अवसर पर पुस्तक परिचर्चा में प्रो. वशिष्ठ अनूप ने हिंदी ग़ज़लों की विकास यात्रा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ग़ज़लें हमारे समय के बहुआयामी यथार्थ और अनेकानेक चुनौतियों से रूबरू होकर उनसे सीधी रचनात्मक मुठभेड़ करती हैं। इन ग़ज़लों के एक-एक शेयर में आवाम की बेचैनी, समाज की निःसंगता, अकेलापन, रिश्तों का विखंडन, सियासत के प्रपंच, बड़ी सहालियत से व्यक्त हुए हैं, वैचारिकी इसके रेशे-रेशे में शामिल है।

विशिष्ठ वक्ता प्रो.सूरज पालीवाल, महात्मा गांधी हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, ने अपने विचार व्यक्त किए। अपने वक्तव्य में उन्होंने कहा कि “हिंदी ग़ज़ल के लिए मुख्यतः दो बातें ध्यान देने लायक हैं। पहली यह कि शेयर की बाहरी बनावट तथा बुनावट, दूसरी विषयवस्तु या कथ्य पर। हिंदी ग़ज़ल की यात्रा लगभग 50 साल पुरानी है।

अमीर खुसरो से लेकर कबीर तक की रचनाओं में इसका स्वरूप दिखाई देता है। उर्दू ग़ज़ल शायरी की एक विधा है परंतु वही ग़ज़ल जब हिंदी में आती है तो हाशिए की विधा बनकर रह जाती है, परंतु हिंदी ग़ज़ल को जरा संवेदनशील नजर से देखें और इत्मीनान से अध्ययन करें तो समझ में आएगा कि यह हमारे समय की सबसे सशक्त कविता है, जिसमें लय है, रवानी है, मितकथन है और दो पंक्तियों में भरपूर बात कहने की हुनरमंदी है।

प्रो. उमापति दीक्षित विभागाध्यक्ष, नवीन एवं भाषा प्रसार विभाग, आगरा ने प्रो. वशिष्ठ अनूप द्वारा रचित ग़ज़लों की भावपूर्ण प्रस्तुति देकर सभी का मन मोह लिया। मुख्य वक्ता प्रो. अजय तिवारी, हिन्दी विभाग, दिल्ली विश्वविद्यालय ने पुस्तक परिचर्चा में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हिंदी ग़ज़ल ने लगभग 50 दशकों के सफर में अपनी कथ्यात्मकता तथा विशिष्ट अभिव्यंजना से एक अलग पहचान बनाई है, आज की परिस्थितियों, बदलते जीवन मूल्यों और पारंपरिक संबंधों को हिंदी ग़ज़ल ने बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया है।

प्रो. सुमन जैन, हिंदी विभाग, महिला महाविद्यालय, ने समकालीन गज़ल पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समकालीन गज़ल पारंपरिक गज़ल की काव्य रूढ़ियों से मुक्त होने का प्रयास भी है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर घटित हो रहे राजनीतिक, आर्थिक, सूचना, तकनीकी परिवर्तन भी इसकी पृष्ठभूमि में है। प्रो. भावना त्रिवेदी राजनीति शास्त्र विभाग, आर्य महिला पीजी कॉलेज, ने हिंदी ग़ज़ल की विकास यात्रा पर विस्तृत प्रकाश डाला। डॉ. विवेक सिंह, असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग ,काशी हिंदू विश्वविद्यालय तथा डॉ.प्रभात मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर, हिंदी विभाग, काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

इस अवसर पर उपस्थित विशाल राव तथा एम.ए. तृतीय वर्ष की छात्रा साक्षी कुमारी ने ग़ज़लों की मनमोहक प्रस्तुति देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. शशिकांत दीक्षित ने किया। अतिथियों का स्वागत डॉ. मीनाक्षी मिश्रा ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अपर्णा पांडे ने किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ महापुरुषों के तैल चित्र पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलन से हुआ। संगीत विभाग की छात्राओं ने कुलगीत और मंगलाचरण की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. रचना दुबे, अन्य विभाग की शिक्षिकाएं तथा लगभग 100 छात्राएं उपस्थित थीं। कार्यक्रम का संचालन प्रो. सुचिता त्रिपाठी ने किया।

You Might Also Like

Abhishek Bachchan ने ऐश्वर्या राय से अलगाव की अफवाहों पर तोड़ी चुप्पी

Shefali Jariwala का निधन, मॉडल-एक्ट्रेस कांटा लगा गाने से हुई थी मशहूर

VINEET TIWARI : दुनिया को अमन चाहिए लेकिन मुनाफ़ाखोरों को जंग

Anupama के सेट पर लगी भीषण आग, बड़ा हिस्सा खाक

‘मेरा रुबाईनामा’ की मुँह दिखाई 4 अप्रैल को

TAGGED:Barood Ke Bistar ParBHU
Share This Article
Facebook Twitter Email Print
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Follow US

Find US on Social Medias
FacebookLike
TwitterFollow
InstagramFollow
YoutubeSubscribe
newsletter featurednewsletter featured

Weekly Newsletter

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

Popular News
banker falls off
Health & Education

banker falls off : 45 साल की बैंकर कुर्सी से गिरी, मौत- मेडिकल रिपोर्ट में हार्ट अटैक

The Telescope Times The Telescope Times September 26, 2024
Air India Express ने MASS LEAVE वाले 30 कर्मचारी निकाले, 270 को Ultimatum
Lok Sabha Election 2024 : दिल्ली कांग्रेस को झटका, State प्रमुख लवली ने दिया इस्तीफा
NRI quota : मामा, चाचा या ताए के रिश्तेदारों को एडमिशन नहीं दे सकते -Supreme Court
ताइवान में “25 वर्षों में सबसे शक्तिशाली भूकंप” से 4 की मौत, 60 घायल
- Advertisement -
Ad imageAd image
Global Coronavirus Cases

INDIA

Confirmed

45M

Death

533.3k

More Information:Covid-19 Statistics

About US

The Telescope is an INDEPENDENT MEDIA platform to generate awareness among the masses regarding society, socio-eco, and politico.

Subscribe US

Subscribe to our newsletter to get our newest articles instantly!

© 2023 Telescopetimes. All Rights Reserved.
  • About
  • Contact Us
  • Privacy Policy
  • Terms of Use
Join Us!

Subscribe to our newsletter and never miss our latest news, podcasts etc..

Zero spam, Unsubscribe at any time.
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?