जालंधर / चंडीगढ़। किसान आंदोलन ने दूसरे दिन में प्रवेश कर लिया है। किसान दिल्ली पहुंचने की जिद पर अड़े हैं जबकि सरकार उन्हें रोकने के लिए हर कदम उठा रही है। इस बीच, यह मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा है। हाईकोर्ट ने केंद्र एवं राज्य सरकारों को नसीहत दी है कि बल प्रयोग अंतिम विकल्प होना चाहिए और किसानों के साथ बैठकर मसले का हल निकालें। इसके अलावा आंदोलन से आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए।
ओलंपिक पदक विजेता रहे भारतीय पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक आंदोलनरत किसानों के समर्थन में आए हैं और किसानों पर हो रही पुलिस की कार्रवाई को लेकर दुख जताया है।
साक्षी मलिक ने लिखा है, देश के अन्नदाता किसानों के साथ हुए इस व्यवहार से बेहद दुखी हूं। मेरी सरकार से विनती है, तुरंत इनसे बात कर के इनकी समस्याओं को दूर कर इनसे किए वादे पूरे किए जाएं।
वहीं बजरंग पूनिया ने लिखा है, देश का पेट भरने वाले किसान सम्मान के हक़दार हैं। इस तरह के बर्ताव का नहीं। सरकार को उनको घाव देने की बजाय, उनकी समस्याओं को हल करना चाहिए।
विनेश फोगाट ने भी कहा है कि किसानों पर इस तरह का अत्याचार निंदनीय है।
ये दोनों पहलवान पिछले साल तत्कालीन कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ दिल्ली में धरना देने वाले खिलाड़ियों में भी शामिल थे।
पंजाब एवं हरियाणा को जोड़ने वाले शंभू बॉर्डर पर सिक्योरिटी और किसानों में झड़प भी हुई। वहीं पुलिस की ओर से लगातार आंसू गैस के गोले दागे जा रहे हैं। किसानों ने इसका तोड़ निकाला है कि गीली बोरी से इसका प्रभाव काम किया जाए। झड़प में करीब 13 लोग जख्मी हो गए हैं। यही नहीं किसानों ने बैरिकेडिंग भी उखाड़नी शुरू कर दी हैं। अब तक पुलिस बल उन्हें पंजाब की सीमा में ही रोके रखने में सफल रहे हैं, लेकिन हालात कभी भी बेकाबू हो सकते हैं।
बता दें कि सोमवार रात को 5 घंटे लंबी चली बातचीत के बाद भी कोई सहमति नहीं बन सकी। किसानों का कहना है कि पिछली बार ये कह कर हमें उठाया गया था कि बिल कानून बना देंगे पर ये वादा पूरा नहीं किया गया। हम अपनी मांग मनवाने आए हैं।