Pendu Majdoor Union : श्रमिकों की मांगों के समाधान के लिए मुख्यमंत्री को भेजा ज्ञापन
Pendu Majdoor Union : पंडवान के दलित परिवार का घर तोड़ने वालों पर एससी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की मांग
जालंधर, 17 दिसंबर,
पंजाब Pendu Majdoor Union के कॉल पर आज जालंधर, कपूरथला, गुरदासपुर, शहीद भगत सिंह नगर में डीसी कार्यालयों के सामने जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन किया गया और समस्याओं के समाधान के लिए डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजे गए।
इस समय Pendu Majdoor Union के प्रदेश अध्यक्ष तरसेम पीटर, प्रदेश प्रेस सचिव कश्मीर सिंह घुघशोरे, प्रदेश नेता राज कुमार पंडोरी, कमलजीत सनावां, निर्मल सिंह शेरपुर साधा ने कहा कि भूमिहीन मजदूरों की कई मांगें और बनाए गए कुछ कानून न तो केंद्र सरकार ने इसे लागू किया, न ही राज्य सरकार ने केंद्र से इसे लागू करने के लिए कोई मजबूत कदम उठाया और न ही पंजाब सरकार ने इसे लागू करने के लिए कोई ठोस कदम उठाया।
Pendu Majdoor Union : दलितों को मालिकाना हक !
उन्होंने उदाहरण के तौर पर कहा कि लोगों के संघर्ष के बाद केंद्र द्वारा बनाये गये लैंड सीलिंग एक्ट 1972 को लागू कर भूमिहीन मजदूरों व किसानों के बीच अतिरिक्त जमीन को ‘स्वयं मितवा योजना’ के तहत वितरित किया जाये, जिसमें रहने वाले मकान लाल रेखा, प्रांतीय सरकार की भूमियों में से अवैध, पंचायती भूमि, नजूल भूमि में दलितों को कानून के अनुसार तीसरा आरक्षित हिस्सा अधिकार दिया जाए कब्जा समाप्त कर दलितों को मालिकाना हक देना।
Pendu Majdoor Union : राज्य सरकार ने गारंटी दी थी
जरूरतमंदों को आवासीय भूखंड देना, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए अनुदान देना, अखिल भारतीय श्रमिक सम्मेलन 1956 के अनुसार दैनिक मजदूरी रुपये देना कानून के मुताबिक काम देना चाहिए मनरेगा श्रमिक, किये गये कार्य का शेष जारी करना, मनरेगा कार्यों का सामाजिक अंकेक्षण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली रसोई में उपयोग होने वाली सभी वस्तुओं को सुदृढ़ एवं नियंत्रित दर पर उपलब्ध कराने के साथ-साथ सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में दलितों के साथ होने वाले भेदभाव को रोकने तथा पंजाब राज्य में रेलवे पुलिस सहित मजदूरों के खिलाफ दर्ज मामलों को रद्द करने के लिए संघर्ष के दौरान नेताओं और कार्यकर्ताओं ने न तो स्वयं इस संबंध में कुछ किया, न ही राज्य सरकार ने उचित हस्तक्षेप कर केंद्र से कार्रवाई करवाई और न ही राज्य सरकार इन मुद्दों को अपने आप हल कर रही है।
हालांकि राज्य सरकार ने इस संबंध में कई तरह की गारंटी दी थी।
Pendu Majdoor Union : पूरे पंजाब में नए मामले दर्ज किए गए
उन्होंने कहा कि श्रमिक संगठनों के नेताओं को आठ बार समय देने के बाद भी आप उनसे नहीं मिले। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण मजदूर यूनियन पंजाब और भूमि अधिग्रहण संघर्ष कमेटी को 11 मार्च को पंजाब में विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
आप सरकार ने कर्मचारियों की मांगों और मुद्दों को बातचीत के जरिए हल करने के बजाय दबाव का रास्ता अपनाया और बड़े पैमाने पर संगठनों के नेताओं के घरों पर छापे मारकर गिरफ्तारियां कीं। मोगा में कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया गया और पूरे पंजाब में नए मामले दर्ज किए गए।
उन्होंने कहा कि यहीं नहीं कर्मचारियों के हक में हां में हां मिलाने वाले संगठन ने जालंधर में किरती किसान यूनियन के प्रदेश कार्यालय पर छापा मारा और कार्यालय की तलाशी ली और कार्यालय के कर्मचारियों को झूठे मामले में गिरफ्तार कर लिया और कार्यालय पर ताला लगा दिया और चाबियां ले लीं। पुलिस के साथ गए और इसी तरह गदर भवन संगरूर में छापेमारी कर किसानों और छात्र नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और कार्यालय का सामान भी पुलिस अपने साथ ले गई।
Pendu Majdoor Union : यह सब जहां सही आवाज को कुचलने का रास्ता दिखाता है, वहीं आप सरकार द्वारा भूमिहीन मजदूरों के साथ सौतेले व्यवहार को भी दर्शाता है। इससे मजदूर वर्ग में केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार के प्रति भी भारी आक्रोश है।
Pendu Majdoor Union : संबंधित बैंकों, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए
इस समय मांग की कि माइक्रो फाइनेंस कंपनियों सहित कर्मियों का संपूर्ण कर्ज माफ किया जाए, ऋण के बदले में विभिन्न बैंकों, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और निजी व्यक्तियों ने अवैध रूप से लोगों से खाली चेक/आठवीं के कागजात ले लिए लेकिन हस्ताक्षर करा लिए उन्हें चेक, अष्टाम के कागजात व अन्य दस्तावेज वापस किए जाएं और संबंधित बैंकों, माइक्रोफाइनेंस कंपनियों व व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मनरेगा का फंड बढ़ाकर साल भर काम दिया जाए और रविवार को छुट्टी दी जाए। बकाया सहित मुआवजा जारी किया जाए, श्रमिकों को एक हजार रुपए प्रतिदिन वेतन दिया जाए, साल भर स्थाई रोजगार दिया जाए और रविवार को छुट्टी दी जाए, लाइन के अंदर आने वाले मकानों का मालिकाना हक दिया जाए, इसके अलावा सहकारी समिति का सदस्य बनाया जाए इसमें सस्ते ऋण सहित सभी उपलब्ध सुविधाएं लागू की जाएं, भूमिहीन मजदूरों-किसानों के बीच लैंड सीलिंग एक्ट से अतिरिक्त जमीनें वितरित की जाएं, जरूरतमंद परिवारों को पांच-पांच मरले के प्लॉट और मकान निर्माण के लिए 5 लाख रुपये दिए जाएं। का अनुदान जारी करें, आवंटित नजूल एवं अस्थाई सरकारी जमीनों से अवैध कब्जा हटाकर दलितों को मालिकाना हक दें, पंचायती जमीन का एक तिहाई हिस्सा दलितों को स्थायी रूप से दें, प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को वृद्धावस्था में सरकारी नौकरी दें।
Pendu Majdoor Union : रसोई का सारा सामान सरकारी राशन डिपो के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए
विधवाओं और विकलांगों को 15000 प्रति माह पेंशन दो, रोजगार संघर्ष के बीच मजदूरों पर दर्ज सभी कागजात रद्द करो, दलित मजदूरों को माफी के बावजूद हजारों रु. बिजली बिल भेजे जा रहे हैं, इसकी उच्च स्तरीय जांच कराकर बकाया घरेलू बिल माफ किया जाए, जिन परिवारों के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन लेने के लिए राशन कार्ड नहीं है। यह भी मांग की गई कि उनके राशन कार्ड तुरंत बनाए जाएं और रसोई का सारा सामान सरकारी राशन डिपो के माध्यम से नियंत्रित दरों पर उपलब्ध कराया जाए।
यूथ विंग के प्रदेश नेता गुरप्रीत सिंह चीदा, मेजर सिंह कोट टोडरमल्ल, जीएस अटवाल, किरणप्रीत कौर, हरी राम रसूलपुरी, चन्नन सिंह, दर्शनपाल बुंदाला, गुरबख्श कौर, महिला जागृति मंच की नेता जसवीर कौर जस्सी, बीकेयू राजेवाल के कश्मीर सिंह जंडियाला, तरसेम सिंह कीर्ति किसान यूनियन ने भी संबोधित किया।
इन धरनों में एक प्रस्ताव पारित कर गांव पांडवां कलानौर जिला गुरदासपुर में आम आदमी पार्टी के नेताओं के हाथों दलित परिवार का घर तोड़ने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई।
Pendu Majdoor Union :