German पैरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जूतों का निर्माण करेगी कंपनी
German कंपनी द्वारा प्रति वर्ष 40 लाख जूते (जोड़े) बनाए जाएंगे
ग्रेटर नॉएडा। German फुटवियर कंपनी वॉन वेल्क्स ऑर्थोपेडिक रोगियों के लिए जूते बनाएगी। इसके लिए यमुना सिटी में सेक्टर-29 स्थित 10 हजार वर्ग मीटर जमीन में यूनिट लग रहा है।
ये चप्पल-जूते पैरों, घुटनों और पीठ के लिए आरामदेह होंगे, ऐसा दवा कंपनी कर रही है। इसे पहनकर लोग 12 घंटे से भी अधिक समय तक आराम से खड़े रह सकेंगे।
कंपनी के राजकुमार जैन कहते हैं कि नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट होने के कारण, एक्सप्रेसवे और सड़क कनेक्टिविटी के व्यापार करने में आसानी होगी। यहां पर यूनिट लगाने के लिए त्वरित अनुमोदन भी मिला है। यहां भविष्य के प्रोजेक्ट्स भी स्थापित करने की योजना है। एशिया के सबसे बड़े हवाई अड्डे के बगल में एक औद्योगिक पार्क होना और भी अच्छी बात है।

डॉ. अरुण वीर सिंह, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, यीडा ने बताया कि यह प्लांट रोजगार देने में भी अहम साबित होगा। कंपनी लंबे समय से गंभीर डायबिटीज के मरीजों के लिए फुटवियर बना रही है। उनके पैरों को फंगस, इंजरी से बचाने की जरूरत होती है। अलग तरह के कुशन और दबाव बिंदु चाहिए होते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए फुटवियर बनाए जाते हैं।
इस टेक्नोलॉजी को प्रसिद्ध ऑर्थोपेडिक नैचुरोपैथ डॉ. वाल्टर माउच ने विकसित किया था।
German कंपनी के मैनफ्रेड एवरज़ कहते हैं कि वॉन वेल्क्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेटेंट-5 ज़ोन तकनीक पर आधारित है। कंपनी आर्थोपेडिक के अलावा मधुमेह सहित अन्य सभी प्रकार की पैरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जूतों का निर्माण करेगी। प्रति वर्ष 40 लाख जूते (जोड़े) बनाए जाएंगे। जर्मन तकनीक का उपयोग करके भारत में स्थापित होने वाला अपनी तरह का पहला आधुनिक फुटवियर प्लांट है।
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