HARYANA : घोषणापत्र राज्य के सभी राजनीतिक दलों को दिया जाएगा
जालंधर /चंडीगढ़। (HARYANA ASSEMBLY ELECTION) इस साल हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं। नेता लोग आरोप प्रत्यारोप लगा वोट मांगते हैं लेकिन लेकिन हर बार ये देखा जाता है कि कोई भी पॉलिटिकल पार्टी पर्यावरण, वातावरण, भूमि, पेड़, तालाब, पशु -पंछी, पानी की बात ही नहीं करती। इस बार ऐसा नहीं होगा। क्योंकि इससे पहले ही पर्यावरण के लिए काम करने वाली संस्थाओं की ओर से एक हरित घोषणापत्र (ग्रीन मैनिफेस्टो) जारी किया गया है।
संस्थाओं का कहना है कि यह घोषणापत्र राज्य के सभी राजनीतिक दलों को दिया जाएगा। अरावली के संरक्षण के लिए काम कर रहे नागरिकों और पारिस्थितिक विशेषज्ञों के एक समूह ‘पीपल फॉर अरावली’ ने इस घोषणापत्र का पहला ड्राफ्ट तैयार किया है।
HARYANA पहले से ही पानी की कमी वाला राज्य

इस ग्रीन मेनिफेस्टो 2024 में कहा गया है कि हरियाणा राज्य के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 8.24 प्रतिशत (3,64,154 हेक्टेयर) क्षरण हो गया है, जिसका अर्थ है कि भूमि की उत्पादकता में गिरावट आई है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान हुआ है और खेती और भूजल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जबकि हरियाणा पहले से ही पानी की कमी वाला राज्य है। ऐसा ही होता रहा तो लोग कहाँ जायेंगे। पानी के बिना जीवन है ही नहीं।
अत्याधिक दोहन के कारण भूजल तेजी से घट रहा
पिछले कुछ वर्षों में हरियाणा में सालाना होने वाली बारिश में भी नकारात्मक उतार चढ़ाव आ रहे हैं। सरकारों ने तो जैसे कान, मुहं और नाक सब बंद कर रखे हैं। अत्याधिक दोहन के कारण भूजल तेजी से घट रहा है। हरियाणा में साल भर में जितना भूजल दोहन यानी निकासी की जानी चाहिए, उससे लगभग 137 प्रतिशत अधिक निकासी की जा रही है। राज्य के 45 फीसदी इलाके में लवणता और 10 प्रतिशत इलाके में जल जमाव की स्थिति के कारण हरियाणा के भूजल की गुणवत्ता ठीक नहीं है।
प्रेस को जारी एक बयान में पीपल फॉर अरावली की संस्थापक सदस्य नीलम आहलूवालिया ने कहा, “वनों की कटाई, अवैध निर्माण, खनन, व्यावसायिक परियोजनाओं, बंधवाड़ी जैसे लैंडफिल के साथ-साथ कठोर नीतियों व अनुपालन के अभाव के कारण हरियाणा का प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र खतरे में है। परिणामस्वरूप हमारे हरे फेफड़े, महत्वपूर्ण जल पुनर्भरण क्षेत्र, वन्यजीव आवास और गलियारे नष्ट हो रहे हैं।

आहलूवालिया ने कहा कि ग्रीन मेनिफेस्टो के पहले ड्राफ्ट को तैयार करते हुए हमने प्रत्येक व्यापक पारिस्थितिक तंत्र जैसे जंगलों और पहाड़ों, आर्द्रभूमियों, भूजल, कृषि के मुद्दों और लिखित मांगों को सामने रखा है।
अगले कुछ हफ्तों में पीपुल फॉर अरावली की टीम पर्यावरण के विशेषज्ञों और हरियाणा भर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में युवाओं, किसानों, नागरिक समूहों, कमजोर कामकाजी वर्गों के प्रतिनिधियों तक बड़े पैमाने पर पहुंच बनाएगी। इसका उद्देश्य ग्रीन मेनिफेस्टो के पहले ड्राफ्ट पर चर्चा करना और नागरिकों की मांगों पर सहमति बनाना होगा। व्यापक परामर्श प्रक्रिया पूरी होने के बाद, हरियाणा के ग्रीन मेनिफेस्टो का अंतिम ड्राफ्ट इस साल विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सभी राजनीतिक दलों को प्रस्तुत किया जाएगा।
https://telescopetimes.com/category/trending-news/national-news