Holi with kids-उन्हें कुछ बातों की समझाइश ज़रूर दें
Holi with kids-फूलों की पंखुड़ियों से रंग बनाये जा सकते हैं
जालंधर। Holi with kids-बच्चों को लाल, नीले, पीले, हरे सारे रंग आकर्षित करते हैं। वो होली की तैयारी और होली खेलना कई दिन पहले शुरू कर देते हैं। मांएं इस बात की चिंता में लग जाती हैं फर्श का रंग कैसे जायेगा ?
पालतू डॉग के बाल कब रंग से विहीन होंगे और कैसे ?
दीवारें, बाइक, कार सब को रंग से कैसे बचाऊंगी।
और तो और बच्चों के मुँह से जामुनी, गुलाबी रंग कैसे साफ होगा ?
स्किन खराब हो गई तो ?
होली पर आप हर चीज तो अपने हिसाब से नहीं कर सकते पर कुछ बातों का ध्यान रख कर राहत की सांस ले सकते हैं।
सबसे पहले अगर आपके घर में बच्चे हैं तो उन्हें कुछ बातों की समझाइश ज़रूर दें।
उन्हें समझा दें कि पर्दों से हाथ न पोंछें।

घर के अंदर भी होली न खेलें। अगर कोई दोस्त आ भी जाता है तो उसे कहें कि बाहर चलते हैं।
डॉग का कोई कसूर नहीं। उसे रंगों से दूर रखें। घर के बाहर पानी का टब भर कर रख दें। पिचकारी और बलून का एरिया यही होगा।
आर्गेनिक कलर ला देंगे तो उसकी और उसके दोस्तों किए स्किन बची रहेगी।

ऑर्गेनिक रंग या गुलाल प्राकृतिक, रसायन-मुक्त, गैर-केमिकल होते हैं और त्वचा, आँखों को जलन नहीं पहुँचाते हैं और आपके बालों की भी रक्षा करते हैं! ऑर्गेनिक और हर्बल होली के रंगों का चयन सिंथेटिक रंगों के लिए एक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प है, साथ ही यह आपके बच्चे की त्वचा की भी रक्षा करता है। आप घर पर भी रंग तैयार कर सकते हैं। जी हाँ फूलों की पंखुड़ियों से रंग बनाये जा सकते हैं।

बाहर भेजने से पहले बच्चों की स्किन पर कोई अच्छा तेल लगा दें। रंग नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगे।
कपड़ों का चुनाव कुछ ऐसे करें कि स्किन फ्रेंडली तो हो हीं, साथ में पुराने हों तो अच्छा है ताकि आप बिना किसी भार, चिंता के फेंक सकें।