India Post – रिफंड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी
भारत डाक (India Post) ने अमेरिका को भेजी जाने वाली अधिकांश डाक सेवाएँ 25 अगस्त से अस्थायी रूप से निलंबित कर दी हैं। यह फ़ैसला अमेरिकी सरकार द्वारा लागू किए गए नए कस्टम नियमों के चलते लिया गया है, जिनमें अब हर पार्सल पर शुल्क (custom duty) लगाया जाएगा।
पहले अमेरिका में de minimis exemption लागू था, जिसके तहत 800 डॉलर तक के सामान पर कोई आयात शुल्क नहीं लगता था। इससे छोटे व्यापारी, छात्र और आम लोग सस्ते डाक विकल्पों के ज़रिए आसानी से अमेरिका को पार्सल भेज सकते थे। लेकिन अब यह छूट समाप्त कर दी गई है। नए नियमों के तहत छोटे से छोटे पार्सल पर भी शुल्क देना अनिवार्य होगा। समस्या यह है कि अमेरिका ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया कि यह शुल्क कौन वसूलेगा, कैसे वसूला जाएगा और किन लॉजिस्टिक पार्टनरों को इसकी अनुमति होगी।
इन्हीं कारणों से अमेरिका जाने वाली हवाई सेवाएँ डाक पार्सल ले जाने से इंकार कर रही हैं। परिणामस्वरूप, India Post ने पार्सल और मर्चेंडाइज़ की डिलीवरी अस्थायी रूप से रोक दी है।
India Post – क्या रहेगा जारी?
हालाँकि इस रोक के बावजूद कुछ सेवाएँ चालू रहेंगी। अमेरिका को चिट्ठियाँ और दस्तावेज़ पहले की तरह भेजे जा सकेंगे। इसके अलावा 100 डॉलर तक के उपहार (gifts) भेजने की अनुमति रहेगी और उन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा।
किस पर पड़ेगा असर?
इस निर्णय का सबसे अधिक असर छोटे व्यापारियों और छात्रों पर पड़ेगा। बहुत से व्यापारी सस्ते डाक विकल्प का उपयोग कर अपने उत्पाद अमेरिका भेजते थे, लेकिन अब उन्हें महंगे निजी कूरियर का सहारा लेना होगा। इसी तरह, कई परिवार अपने बच्चों या रिश्तेदारों को कपड़े, दवाइयाँ और अन्य सामान डाक से भेजते थे, अब उनके लिए यह प्रक्रिया जटिल और महंगी हो जाएगी।
India Post की प्रतिक्रिया
इंडिया पोस्ट ने ग्राहकों को भरोसा दिलाया है कि जिन पार्सल की बुकिंग पहले से हो चुकी है और जिन्हें अब भेजा नहीं जा सकता, उनके लिए रिफंड की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। साथ ही विभाग ने कहा है कि वह स्थिति पर लगातार नज़र रख रहा है और जैसे ही अमेरिका की ओर से शुल्क प्रणाली स्पष्ट होगी, सेवाओं को फिर से बहाल करने की कोशिश की जाएगी।
अन्य देशों की स्थिति
भारत अकेला देश नहीं है जिसने यह कदम उठाया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और जापान जैसे कई देशों की डाक एजेंसियाँ भी अमेरिका को पार्सल सेवाएँ अस्थायी रूप से रोक चुकी हैं। इन देशों ने भी यही कारण दिया है कि शुल्क प्रणाली को लेकर अस्पष्टता है और जब तक स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं आते, तब तक डिलीवरी सुनिश्चित करना संभव नहीं है।
India Post की यह अस्थायी रोक वैश्विक व्यापार और निजी स्तर पर लोगों की दिनचर्या पर सीधा असर डाल रही है। यह मामला सिर्फ़ भारत और अमेरिका के बीच डाक सेवाओं का ही नहीं बल्कि इस बात का संकेत भी है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार नीतियों और शुल्क व्यवस्थाओं में बदलाव किस तरह आम नागरिकों और छोटे कारोबारियों तक को प्रभावित कर सकते हैं।
India Post
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