नया इतिहास लिखेगा literary warrior group
literary warrior group> लिटफेस्ट का पुणो के मिलिट्री इंजीनियरिंग कालेज में आयोजन
जालंधर, 5 अगस्त : literary warrior group: लेखकों, कवियों, कथाकारों और कलाकारों में रचनात्मकता की लौ को ज़िंदा रखने वाले लिटरेरी वॉरियर ग्रुप का तीसरा दो दिवसीय साहित्यक समारोह ‘लिटफेस्ट-3 : भाषा एंड बियोंड’ इस बार फिर पुणे (महाराष्ट्र) के कालेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई) में 4 और 5 अक्तूबर को आयोजित किया जा रहा है। जिसकी तैयारियां समूह की संस्थापक और प्रतिष्ठित साहित्यकार नीलम सक्सेना चंद्रा और सह-संस्थापक डॉ. रेनू मिश्र के नेतृत्व में युद्ध स्तर पर चल रही हैं।
अब तक के सबसे भव्य साहित्यिक उत्सव ‘लिटफेस्ट-3 : भाषा और बियोंड’ का इस बार मानक और भी ऊंचा रखा गया है। इससे पहले लिटरेरी वॉरियर ग्रुप ने 2023 में 18 नवंबर को नई दिल्ली के प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी में अपना पहला वार्षिक साहित्य उत्सव आयोजित किया था, जो अत्यंत सफल रहा। 14 और 15 दिसंबर 2024 को कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग (सीएमई), पुणो में लिटफेस्ट के दूसरे संस्करण को और भी ज्यादा प्यार मिला।
इस तीसरे संस्करण में पुस्तक विमोचन, कला प्रदर्शनियां, ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रतियोगिताएं, छात्रों के लिए वर्कशॉप्स, पैनल चर्चाएं और बुक स्टॉल्स और साइनिंग काउंटर व ओपन माइक जैसे इवेंट रखे गए हैं, वहीं जो लोग भौतिक रूप से उपस्थित नहीं हो सकते, उनके लिए भी ‘ऑनलाइन खिड़की’ खुली रहेगी। कुछ कार्यक्र म लाइवस्ट्रीम या रिकॉर्ड किए जाएंगे, ताकि कोई पीछे न छूटे।
डॉ. नीलम चंद्रा 2011 में निकली थीं साहित्यक सफर पर

एक प्रतिष्ठित साहित्यकार और समूह की संस्थापक नीलम सक्सेना चंद्रा का 2011 में शुरू किया गया साहित्यकारों का समूह लिटरेरी वॉरियर ग्रुप कभी संख्या की होड़ में नहीं रहा। यह जुनून का मामला था और जैसे-जैसे जुनून बढ़ा, यह खामोशी से शहरों, राज्यों और देश की सीमाओं को पार कर चला। आज, यह समूह गर्व से 2,96,000 से अधिक सक्रिय सदस्यों को जोड़ चुका है।
एलडब्ल्यूजी टीम कर रही भव्य साहित्यक उत्सव की तैयारी
संस्थापकों के साथ-साथ एलडब्ल्यूजी की टीम के वरिष्ठ सदस्य डॉ. अपर्णा प्रधान, सलील जैन, नित्या शुक्ला, मीरा भंसाली, डॉ. मैत्रयी जोशी, जूही गुप्ते, डॉ. कोयल विश्वास, आशा सिंह गौर, वहीदा हुसैन, सुनील जोशी, अनुप जलान, पूर्णा पारेख, वीणा दीक्षति, निवेदिता रॉय, अनूप पांडे, रश्मि साबले, सुरेखा साहू, श्वेता भिंडे, तेजल माने, प्रियांशु सक्सेना, अक्षैनी, रोहित सिद्धू अलग और निश्चित ही हर उत्साही प्रतिभागी परदे के पीछे अथक मेहनत कर रहे हैं। वे अब एलडब्ल्यूजी का तीसरा और अब तक के सबसे भव्य साहित्यिक उत्सव- ‘लिटफेस्ट-3 : भाषा और बियोंड’ की तैयारी कर रहे हैं।
दो दिवसीय लिटफेस्ट में यह होगा खास
-पुस्तक विमोचन : नए और स्थापित लेखकों द्वारा लिखित
-कला प्रदर्शनियां : वरिष्ठ और उभरते कलाकारों की मौलिक कृतियां
-ऑनलाइन व ऑफलाइन प्रतियोगिताएं : कविता, कहानी, फ्लैश फिक्शन व कला
-छात्रों के लिए कार्यशालाएं : क्रिएटिव राइिटंग, स्टोरी टेलिंग व जर्नलिंग
-पैनल चर्चाएं : भाषा और उससे आगे थीम पर, यह दर्शाता कि कैसे कहानियां संस्कृतियों और माध्यमों को जोड़ती हैं।
-बुक स्टॉल्स और साइनिंग काउंटर
-ओपन माइक : नई आवाजों के लिए मंच
-वरिष्ठ नागरिकों और स्कूली बच्चों के लिए विशेष सत्र : ताकि ये साबित हो सके कि रचनात्मकता उम्र की मोहताज नहीं होती
क्या है लिटरेरी वॉरियर ग्रुप

लिटरेरी वॉरियर ग्रुप ने कलम की एक खामोश क्रांति रची है। जो लेखन और आवाजों को धीरे-धीरे संवारती है। यह प्रथम बार कविता लिखने वाले को भी उतनी ही अहमियत देता है, जितनी एक स्थापित लेखक को। यह चित्रकारों, अनुवादकों, शिक्षकों, कलाकारों और हर सपने देखने वाले के लिए खुला मंच है। एलडब्ल्यूजी ने एक ऐसा पारिस्थितिक तंत्र बनाया है जहां साहित्य प्रतियोगिता नहीं, उत्सव है। जहां कहानियां अधिकार नहीं, साझेदारी होती हैं। जैसे ही एलडब्ल्यूजी- भाषा और बियोंड के साथ अपनी यात्र का एक और अध्याय खोल रहा है। एक बात साफ है : यह केवल एक साहित्यिक समूह नहीं, एक आंदोलन है। एक ऐसी जगह, जहां भाषा भावना से मिलती है, जहां रचनात्मकता सीमाएं तोड़ती है। जहां योद्धा हथियार नहीं-शब्दों, बुद्धिमत्ता और कल्पना से लड़ते हैं।