गाज़ा में मानवीय ज़रूरतों की आपूर्ति के लिए क्रॉसिंग खोलने पर बातचीत
इज़रायली सेना द्वारा पकड़े गए दर्जनों फ़िलिस्तीनी पुरुषों के कपड़े उतार दिए गए। उन्हें गाजा के एक केंद्रीय चौराहे के चारों ओर घुमाया गया, जहाँ हमास के लड़ाके रैलियाँ आयोजित करते थे। ऐसा आत्मसमर्पण कर चुके फ़िलिस्तीनी पुरुषों के हथियार चेक करने को किया गया।
इज़रायली मीडिया द्वारा प्रकाशित फ़ुटेज में इज़रायल रक्षा बलों (आईडीएफ) को कई दर्जन फ़िलिस्तीनियों को घेरते हुए दिखाया गया है जिन्होंने कथित तौर पर जबालिया शरणार्थी शिविर और उत्तर के अन्य क्षेत्रों में आत्मसमर्पण कर दिया था।
सिर्फ अंडरवियर पहने युवकों को एक सैन्य ट्रक के पीछे देखा गया, और बाद में वे अपने हाथों को पीठ के पीछे बांध कर घुटनों के बल बैठे हुए थे। इज़रायली मीडिया ने गाजा शहर में फिलिस्तीन स्क्वायर के रूप में पहचाने जाने वाले स्थान पर पास में जूते बिखरे हुए देखे गए।
आईडीएफ ने फोटो पर कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि उनमें से कम से कम कुछ इजरायली सेना के वाहन से ली गई हैं।
वाल्ला समाचार वेबसाइट ने कहा कि लोगों ने इज़राइल की 261वीं रिजर्व ब्रिगेड के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, साथ ही कहा कि “संदिग्धों के कपड़े उतार दिए गए ताकि इस संभावना को खारिज किया जा सके कि उनके पास हथियार थे।” छवियों पर टिप्पणी करते हुए, आईडीएफ के प्रवक्ता डैनियल हागारी ने जबालिया और शेजया ने कहा, गाजा शहर का पड़ोस, आतंकवादियों के लिए मिलने-जुलने का केंद्र था।
रियर-एडमल हगारी ने कहा, “वे भूमिगत छिपे हुए हैं और बाहर आते हैं और हम उनसे लड़ते हैं।”
“उन क्षेत्रों में जो भी बचे हैं, वे सुरंग शाफ्ट से और कुछ इमारतों से बाहर आते हैं, और हम जांच करते हैं कि कौन हमास से जुड़ा है, और कौन नहीं है। हम उन सभी से पूछताछ करते हैं।
द न्यू अरब के पत्रकारों ने कहा कि उन्होंने बंदियों के फुटेज में अपने एक सहकर्मी को पहचान लिया है।
इज़राइल ने सुझाव दिया कि गाजा में सहायता की अधिक आपूर्ति की अनुमति देने को राज़ी है ।
फ़िलिस्तीनियों के साथ नागरिक समन्वय के लिए इज़रायली एजेंसी, COGAT के प्रमुख कर्नल एलाद गोरेन ने कहा कि क्रीम शालोम को “अगले कुछ दिनों में” “निरीक्षण के लिए” खोला जाएगा।
संयुक्त राष्ट्र के सहायता प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने कहा कि मानवीय ज़रूरतों की आपूर्ति के लिए क्रॉसिंग खोलने के लिए बातचीत चल रही है, “यह पहला चमत्कार होगा जो हमने कुछ हफ्तों में देखा है”।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जंग रोकने की कोशिशें तेज, यूएन ने ग़ज़ा में लागू किया अनुच्छेद 99
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के प्रमुख एंटोनियो गुटेरस ने ग़ज़ा में चल रहे युद्ध की गंभीरता को देखते हुए यूएन चार्टर का अनुच्छेद 99 लागू कर दिया था।
ये अनुच्छेद संयुक्त राष्ट्र का सबसे महत्वपूर्ण प्रावधान माना जाता है। जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के महासचिव”किसी भी मामले को सुरक्षा परिषद के ध्यान में लाते हैं जो उनकी राय में अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को ख़तरे में डाल सकता है।
इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर का सबसे शक्तिशाली प्रावधान माना जाता है।
संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में केवल नौ बार ही इस अनुच्छेद का इस्तेमाल किया गया है और दशकों से इस अनुच्छेद का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
संयुक्त राष्ट्रबीते कई हफ्तों से ग़ज़ा में युद्ध से पैदा हो रही मानवीय तबाही के बारे में चेतावनी दे रहा है और इसे रोकने की अपील कर रह है, लेकिन अब बुधवार को एंटोनियो गुटेरस ने अपने सबसे शक्तिशाली डिस्ट्रेस सिग्नल (संकट संकेतों) में से एक को लागू किया है ताकि सदस्य देशों का ध्यान इस संकट पर केंद्रित किया जा सके और मानवीय युद्धविराम लागू हो।
यूएन काउंसिल के अधिकतर सदस्य युद्ध विराम के समर्थन में हैं लेकिन अमेरिका, जो इसराइल का घनिष्ठ सहयोगी है और यूएन में वीटो रखता है वो इस युद्ध विराम के समर्थन में नहीं है।
गुटेरस ने काउंसिल के सदस्यों को लिखा कि कि “ग़ज़ा में रहने वाला हर एक शख्स गंभीर ख़तरे में जी रहा है क्योंकि कोई भी जगह अब ग़ज़ा में सुरक्षित” नहीं है।
उन्होंने ये भी लिखा है कि पूरे ग़ज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है क्योंकि अस्पतालों को युद्ध का मैदानबना दिया गया है।
लोगों के पास जिंदा रहने के लिए ज़रूरत के सामान तक नहीं हैं और इन सबके बीच इसराइल लगातार बमबारी कर रहा है।
गुटेरस का कहना है कि ग़ज़ा की सार्वजनिक व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो जाएगी।
यूएन का कहना है कि जिस तरह की तबाही ग़ज़ा में हो रही है उसके देखते हुए ये बहुत मुश्किल लगता है कि ग़ज़ा वापस कभी पहले जैसा हो सकेगा।
गुटेरस ने अपनी चिट्ठी के आखिर में लिखा की अंतरराष्ट्रीय समुदाय की ज़िम्मेदारी है कि वह “इस संकट को और बढ़ने से रोकने और खत्म करने के लिए अपने सभी प्रभाव का इस्तेमाल करे” और मानवीय युद्धविराम के लिए अपने आह्वान को दोहराया।