लोकसभा की विजिटर गैलरी में अब लोगों के प्रवेश पर रोक
नई दिल्ली। संसद में सुरक्षा चूक का मुद्दा जोरशोर से उठाने पर I.N.D.I.A के 15 सांसद इस संसद सत्र के लिए निलंबित कर दिए गए हैं ।
मालूम हो कि संसद के अंदर घुसकर बुधवार को दो प्रदर्शनकारियों ने बेरोजगारी, किसान, मणिपुर की महिलाओं के मुद्दे पर प्रदर्शन किया था। इस संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक माना गया है। लोकसभा स्पीकर ने गुरुवार को लोकसभा के 8 स्टाफ को निलंबित कर दिया। लोकसभा की विजिटर गैलरी में अब लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। लोकसभा की कार्रवाई के दौरान सुरक्षा में सेंध के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने इसको लेकर आदेश जारी किया है।
उधर, विपक्षी दलों ने संसद में सुरक्षा चूक का मुद्दा जोरशोर से उठाया। इस पर I.N.D.I.A के 15 सांसद इस संसद सत्र के लिए निलंबित कर दिए गए हैं । टीएमसी के डेरेक ओ’ब्रायन ने इस पर चर्चा की मांग की। राज्यसभा के सभापति ने उन्हें खराब बर्ताव के आरोप में निलंबित कर दिया है। इसके अलावा लोकसभा के 14 सांसदों को भी इस सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया है। निलंबित 15 सांसदों में से कम से कम पांच सांसद कांग्रेस के हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार न संसद के अंदर बोलने दे रही है और न बाहर। सरकार के विरोध में जो भी बोलता है, उसपर पर कार्रवाई की जाती है।
इसके अलावा दूसरी ओर, पूछताछ में युवकों ने अपने मकसद की जानकारी पुलिस को दी है। सूत्रों के मुताबिक पांचों आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वे बेरोजगारी, किसानों की परेशानी और मणिपुर हिंसा जैसे मुद्दों से परेशान थे।
दिल्ली पुलिस ने कहा कि संसद के अंदर-बाहर हुए प्रदर्शन और सुरक्षा भेदने की पूरी योजना का आनन-फानन में जांच करके खुलासा कर दिया है। दिल्ली पुलिस के मुताबिक छह लोगों ने महीनों तक अच्छी तरह से सावधानीपूर्वक आपस में मिलकर इसकी योजना बनाई थी। पांच आरोपी अब पुलिस हिरासत में हैं।
पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने पुलिस को बताया कि संसद की सुरक्षा भेदने का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करना था। एनडीटीवी के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि पांचों आरोपियों ने पुलिस को बताया है कि वो क्यों परेशान थे।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा- उनकी विचारधारा एक जैसी थी। इसलिए उन्होंने सरकार को संदेश देने का फैसला किया। सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या उन्हें किसी ने या किसी संगठन ने निर्देश दिया था।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, पुलिस कर्मी जब उन्हें पकड़ कर ले जा रहे थे तो एक प्रदर्शनकारी ने वहां पत्रकारों से कहा, हम किसी संगठन से नहीं जुड़े हैं। हम छात्र हैं और बेरोजगार हैं। हमारे माता-पिता मजदूर और किसान के रूप में काम करते हैं और कुछ छोटे दुकानदार हैं। यह एक प्रयास है अपनी बात पहुंचाने का। हमारी आवाज दबाई जा रही है। पुलिस ने बाद में गुड़गांव, हिसार, जीन्द और लखनऊ में आरोपियों के घर जाकर छानबीन की। सागर शर्मा लखनऊ के रहने वाले हैं। पुलिस वहां भी पहुंची।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि सभी छह आरोपी संसद के अंदर जाना चाहते थे, लेकिन सिर्फ सागर शर्मा और डी. मनोरंजन ही पास पाने में कामयाब रहे। दोनों बुधवार दोपहर में संसद में दाखिल हुए थे। चारों लोग अपनी-अपनी योजना में सफल रहे। लोकसभा में चौंकाने वाला नजारा देखने को मिला जब सागर शर्मा दर्शक दीर्घा से कूदकर सदन में आ गए। उन्होंने सबस पहले पीला धुएं वाला डिब्बा खोला और एक डेस्क से दूसरे डेस्क पर कूदते चले गए। जैसे ही सांसद उन पर हावी हुए, डी. मनोरंजन ने दूसरा धुएं का डिब्बा खोल दिया। वह भी जल्द ही पकड़ लिए गए। उधर नीलम और अमोल ने बाहर पीला धुआं छोड़ा।
केंद्र सरकार ने संसद के अंदर बुधवार दोपहर हुई घटना पर गुरुवार सुबह तक कोई बयान नहीं दिया लेकिन गुरुवार सुबह एक एक्शन सामने आया। संसद के अंदर हुई भारी सुरक्षा चूक के मामले में आठ लोकसभा स्टाफ को निलंबित कर दिया गया।
निलंबित किए गए आठ कर्मियों में रामपाल, अरविंद, वीर दास, गणेश, अनिल, प्रदीप, विमित और नरेंद्र शामिल हैं। लोकसभा में जब शून्यकाल चल रहा था, उसी समय दो आंदोलनकारी सागर शर्मा और डी. मनोरंज एक भाजपा सांसद प्रताप सिम्हा के पास पर अंदर आए। सागर शर्मा सत्र के दौरान ही विजिटर गैलरी से सदन में कूदे। उन्होंने एक मेज से दूसरे मेज पर छलांग लगाई और स्पीकर के आसन तक पहुंचने की कोशिश की। इस दौरान सागर और डी. मनोरंजन ने एक पीले रंग का धुआं भी छोड़ा।
आरोपी अलग-अलग राज्यों से
सभी आरोपी अलग-अलग राज्यों से बताये जा रहे हैं। संसद के अंदर और बाहर प्रदर्शन करने के लिए पिछले 18 महीनों में कई बार मिले। ये चारों भगत सिंह फैन क्लब’ नाम वाले फेसबुक पेज पर जुड़े थे।
चार आरोपियों पर आतंकवाद विरोधी धारा लगाई गई है। पांचवे आरोपी विक्की शर्मा की पत्नी को भी हिरासत में लिया गया है। सभी आरोपी विक्की शर्मा के गुड़गांव आवास पर ठहरे थे।
छठा आरोपी ललित झा अभी तक फरार है। उसे ही इनका हैंडलर बताया जा रहा है। चारों आरोपियों ने अपने फोन ललित झा के पास जमा करा दिए थे। ललित झा ने संसद के बाहर की घटना का वीडियो बनाया था।
सभी आरोपी चंडीगढ़ में किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए थे। यह जानकारी पुलिस ने पूछताछ के बाद की है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के हवाले से कहा है कि इस घटना के पीछे कोई बड़ा दिमाग था। लेकिन पुलिस अभी तक उस शख्स तक नहीं पहुंच सकी है और न ही उसके बारे में उसके पास कोई सुराग है।
एक अन्य जानकारी के मुताबिक दो अन्य आरोपियों में से, ललित झा ने कथित तौर पर संसद के बाहर नीलम और शिंदे के वीडियो शूट किए और फिर उनके सेलफोन के साथ भाग गए, जबकि विक्की शर्मा का गुड़गांव घर में घर है, जहां सभी आरोपी रुके थे।
लोकसभा के अंदर घटना होने पर कई सांसदों ने सागर शर्मा और डी. मनोरंजन को घेर लिया। एक वीडियो में कम से कम चार सांसद सागर को पीटते नजर आ रहे हैं। एक सांसद ने उन्हें बालों से पकड़कर खींचा, जबकि अन्य उन्हें मारते रहे।
इस घटना ने दो मुख्य मुद्दों की तरफ ध्यान खींचा है।
पहला मुद्दा ये है कि संसद की सुरक्षा इतनी लचर है कि कोई भी शख्स किसी सांसद के पास पर अंदर जा सकता है। दूसरा मुद्दा ये है कि बेरोजगारी, किसान-मजदूरों पर अत्याचार से हताश युवक शहीद-ए-आजम भगत सिंह से प्रेरणा ले रहे हैं। सभी गिरफ्तार आरोपी अलग-अलग राज्यों से हैं लेकिन वे इन मुद्दों पर एक जैसी राय रखते हैं। पुलिस ने बेशक उन पर आतंकवाद विरोधी धाराएं लगा दी हैं लेकिन अदालत में जब ये मामला चलेगा तो उन युवकों के मुद्दों पर ही बहस होगी।
एक अन्य जानकारी में पता चला है, संसद की सुरक्षा में सेंध मामले में अब सामने आ रहा है कि इसमें 4 नहीं बल्कि 6 लोग शामिल थे। ये सभी एक ही मकसद से एक जगह एकत्र हुए थे।
संसद में इस घटना को अंजाम देने से पहले इनमें से 4 लोग पांचवे आरोपी विक्की के घर पर गुरुग्राम में रुके थे। इनमें शामिल सभी छह लोगों की पहचान की जा चुकी है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि अभी भी एक आरोपी ललित झा फरार हैं। पुलिस उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है।