SANKRANTI PARV -पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 06 बजकर 25 मिनट तक
SANKRANTI PARV-स्नान-दान और सूर्य देव को अर्घ्य देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति
क्यों कहते हैं संक्रान्ति
SANKRANTI PARV-जब सूर्य भास्कर भगवान एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रान्ति कहते हैं। आज सूर्य देव ” सिंह ” राशि से निकल कर ” कन्या “ राशि में प्रवेश कर रहे हैं और आज से आश्विन मास प्रारम्भ हो रहा है। इसे सूर्य की कन्या संक्रान्ति एंव आश्विन महीना भी कहते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार संक्रान्ति का पुण्यकाल दोपहर 12 बजकर 16 मिनट से शाम 06 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। संक्रान्ति पर स्नान-दान और सूर्य देव को अर्घ्य देने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
🦋 हम मां आदिशक्ति, जगतजननी माँ छिन्नमस्तिका जी से प्रार्थना करते हैं कि वह आपके व आपके परिवार का जीवन अत्यन्त प्रकाशमान हो, सुख-शान्ति, समृद्धि व खुशियां भरपूर दें। सभी आरोग्य व आनन्दित रहें, आपके जीवन में सहसशील हृदय, त्याग, सयंम, सत्य, स्नेह, उल्लास भर दें और कारोबार में वृद्धि, खुशहाली एंव अपनी कृपा निरन्तर प्रदान करें।
🚩 सूचना:- आज विश्वकर्मा पूजा भी है। कल अनंत चतुर्दशी एंव भाद्रपद मास शुक्लपक्ष का पूर्णिमा व्रत और पूर्णिमा श्राद्ध है। कल बाबा सोढ़ल मेला (जालन्धर)।
जालंधर -पंडित हेमन्त जोशी
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