Sant Ravidass math Pasiwal : भक्तों ने आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने का प्रण लिया
जालंधर। आज Sant Ravidass math Pasiwal/ संत रविदास मठ पासीवाल के संचालक श्री 108 संत गोपाला नंद महाराज ने एक प्रशंसनीय काम किया। उन्होंने सतगुरु रविदास महाराज जी के मंदिर के लिए गांव कलसेड़े के भक्तों को तीन फुट का हरि निशान साहिब भेंट किया। इस मौके पर भक्तों ने सतगुरु रविदास महाराज जी द्वारा दिखाए आत्मज्ञान के मार्ग पर चलने का प्रण लिया।
मालूम हो कि गुरु रविदास जी मध्यकाल में भारतीय संत सतगुरु थे। इन्हें संत शिरोमणि गुरु की उपाधि दी गई है। इन्होंने रविदासिया पंथ की स्थापना की। इनके रचे गए कुछ भजन पवित्र गुरुग्रंथ साहिब में भी शामिल हैं। इनके अनुयायी हर देश में हैं।
इतिहास पर नज़र डालें तो गुरु रविदास जी का सबसे पूजनीय धार्मिक स्थल वाराणसी (उत्तर प्रदेश, भारत) के सीर गोवर्धनपुर में स्थित श्री गुरु रविदास जन्मस्थान मंदिर है, जिसे संत जी का जन्मस्थान माना जाता है। भारत और विदेशों में रहने वाले रविदास समुदाय के योगदान से 20वीं शताब्दी के आरंभ में बना यह मंदिर रविदास के अनुयायियों का अहम आध्यात्मिक केंद्र है।
इस आध्यात्मिक केंद्र में गुरु जी का स्मारक, प्रार्थना कक्ष और उनकी शिक्षाओं को समर्पित एक संग्रहालय है। प्रत्येक वर्ष, विशेष रूप से गुरु रविदास जयंती (माघ पूर्णिमा को मनाया जाने वाला उनका जन्मदिवस) पर, भारत और विदेशों से लाखों भक्त प्रार्थना, कीर्तन और सामुदायिक समारोहों के लिए बनारस में एकत्रित होते हैं। यह मंदिर समानता, एकता और ईश्वर के प्रति भक्ति का प्रतीक है। अन्य महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों में पंजाब के जालंधर में उनके लिए समर्पित डेरा है जो सचखंड बल्लां के नाम से जाना जाता है।





