SD Phullarwan : मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा
SD Phullarwan गर्ल्स सी.सै. और जी.जी.डी.एस.डी मॉडल विद्यालय में एक शानदार योग दिवस का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, अभिवावकों, शिक्षकों और विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती डॉ. अमरज्योति शर्मा जी ने मिलकर शारीरिक, मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया।
यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने के तहत आयोजित किया गया था, और इस योग आयोजन में और भी कई स्कूलों के छात्रों और उनके अभिवावकों ने इसमें उत्साह और जोश के साथ भाग लिया। स्कूल में हुए समर कैंप में भी सभी ने योग क्लास का लाभ लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत SD Phullarwan विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती डॉ. अमरज्योति शर्मा जी के प्रेरणादायक भाषण से हुई। उन्होंने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा,
SD Phullarwan – “योग सिर्फ एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह हमारे जीवन को संपूर्ण रूप से स्वस्थ और संतुलित बनाने का एक मार्ग है। हम सभी को योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए ताकि हम मानसिक शांति और शारीरिक शक्ति का संतुलन बनाए रख सकें।”
प्रधानाचार्य महोदया ने यह भी बताया कि योग से न केवल शारीरिक रूप से फिट रह सकते हैं, बल्कि यह आत्म-संयम, मानसिक दृढ़ता और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता भी बढ़ाता है।
इसके बाद, योग प्रशिक्षक कमल कुमार जी ने छात्रों और शिक्षकों को विभिन्न योग आसनों और प्राणायाम के बारे में बताया और उन्हें अभ्यास कराया। ताड़ासन, वृक्षासन, धनुरासन, भुजंगासन जैसी विभिन्न मुद्राओं के साथ-साथ प्राणायाम जैसे कपालभाति और अनुलोम-विलोम का अभ्यास कराकर सभी को शारीरिक और मानसिक शक्ति के लाभ के बारे में बताया गया। विद्यालय के अध्यापक श्रीमान सुदेश कुमार, श्रीमती दलजीत कौर और श्रीमती जसविंदर कौर ने विद्यार्थियों और अभिवावकों को व्यक्तिगत रूप से उचित तरीके से योग करने के लिए निर्देशित किया।
SD Phullarwan : इस अवसर पर छात्रों और अभिवावकों ने योग के लाभों को लेकर अपनी राय भी साझा की।
कई छात्रों ने यह भी बताया कि वे अब योग को अपनी दिनचर्या में नियमित रूप से शामिल करेंगे, क्योंकि यह न केवल शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है, बल्कि मानसिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी बेहद प्रभावी है।
समापन में, प्रधानाचार्य महोदया ने सभी छात्रों और शिक्षकों को धन्यवाद देते हुए कहा, “आशा है कि इस कार्यक्रम से हम सब योग के महत्व को समझ पाए हैं और इसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएंगे।”
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