मोदी ने मजदूरों को निकाले जाने को भावुक करने वाली सफलता बताया
उत्तराखंड सरकार ने खबर सांझी की है कि उत्तरकाशी सुरंग से सभी 41 मजदूर सुरक्षित बाहर आ गए हैं। सरकार ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा है कि बचाव अभियान के 17 वें दिन सभी मज़दूर बाहर निकाल लिए गए हैं।
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मजदूरों को निकाले जाने को भावुक करने वाली सफलता बताया है।
उन्होंने लिखा है – “टनल में जो साथी फंसे हुए थे, उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपका साहस और धैर्य हर किसी को प्रेरित कर रहा है। मैं आप सभी की कुशलता और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं। यह अत्यंत संतोष की बात है कि लंबे इंतजार के बाद अब हमारे ये साथी अपने प्रियजनों से मिलेंगे। इन सभी के परिजनों ने भी इस चुनौतीपूर्ण समय में जिस संयम और साहस का परिचय दिया है, उसकी जितनी भी सराहना की जाए वो कम है। “
इससे पहले उत्तरकाशी टनल में फंसे मजदूरों के रेस्क्यू ऑपरेशन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने ताज़ा जानकारी देते हुए बताया था कि श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए टनल में पाइप डालने का कार्य पूरा हो चुका है।
12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह गया था और 41 मज़दूर उसमें अंदर फंस गए थे। 13 नवंबर को मज़दूरों से संपर्क स्थापित हुआ और एक पाइप के ज़रिए उनतक ऑक्सीजन पहुंचाया जाने लगा।
14 नवंबर को 800-900 मिलीमीटर डायमीटर के स्टील पाइप को ऑगर मशीन के ज़रिए मलबे के अंदर डालने की कोशिश की गई। लेकिन मलबे के लगातार गिरते रहने से दो मज़दूरों को थोड़ी चोट भी लगी।
इस दौरान मज़दूरों तक खाना, पानी, आक्सीजन, बिजली और दवाएं पहुंचती रहीं।
15 नवंबर को बचाव टीम ने नई स्टेट ऑफ़ द आर्ट ऑगर मशीन की मांग की जिसे दिल्ली से एयरलिफ़्ट किया गया
16 नवंबर को नई ड्रिलिंग मशीन ने काम करना शुरू किया।
17 नवंबर को काम में रुकावट आई जिसके बाद इंदौर से दूसरी ऑगर मशीन मंगाई गई। फिर काम रुक गया।
18 नवंबर को पीएमओ को आगे आना पड़ा। 19 नवंबर को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बचावकार्यों का ज़ायज़ा लिया। अगले दिन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बचाव कार्यों के बारे में धामी से फ़ोन पर बात की।
21 नवंबर को मज़दूरों का वीडियो पहली बार सामने आया जिसमें उन्होंने बात की।
22 नवंबर को स्टील पाइप लगभग 45 मीटर तक पहुंची लेकिन ड्रिलिंग रुक गई। 23 नवंबर को दरार दिखने के बाद ड्रिलिंग को फिर से रोकना पड़ा। 24 नवंबर को ड्रिलिंग शुरू हुई लेकिन फिर रोकनी पड़ी। फिर 25 नवंबर को हाथ से काम करना शुरू हुआ।
26 व 27 को नवंबर वर्टिकल खुदाई की गई। आज टीम मज़दूरों तक पहुँच गई व उन्हें निकाल लिया गया ।