कोलोराडो। वैज्ञानिकों ने पहली बार एक अध्ययन में लगभग 20 रोगाणुओं के एक ऐसे यूनिवर्सल सेट की पहचान की है, जो मानव मांस खाते हैं। स्तनधारी जीव पर ये रोगाणु तेजी से हाथ-मुंह चलाते नज़र आए। यह स्टडी पृथ्वी की सबसे मौलिक जैविक प्रक्रियाओं में से एक है और ऐसी प्रक्रिया को और गहराई से स्टडी किये जाने की ज़रूरत है।
यह अध्ययन नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
इस अध्ययन ने सुझाव दिया है कि ये रोगाणु स्थान, जलवायु या मौसम की परवाह किए बिना काम में लगे रहते हैं।
वैज्ञानिकों ने विज्ञान को दान किए गए 36 मानव शरीरों की निगरानी की और अमेरिका में तीन स्थानों पर अलग-अलग मौसमों में 21 दिनों तक शवों को खुले में सड़ने दिया। उन्होंने पाया कि ब्रेकडाउन प्रक्रिया के दौरान विशिष्ट बिंदुओं पर समान रोगाणु एक ही समय पर उभरे और विघटन में लग गए ।
अध्ययन का नेतृत्व करने वाली अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी की एसोसिएट प्रोफेसर जेसिका मेटकाफ ने कहा, हमने रिसर्च के दौरान पाया कि अपघटन के दौरान समान रोगाणु समान समय पर आते हैं, भले ही आप कितनी भी बाहरी स्थितियों से घिरे हों।