68 लाख से ज़्यादा इमरजेंसी कॉल एक साल में आए
लखनऊ। 24 करोड़ जनसंख्या और 75 जिलों वाले उत्तर प्रदेश के पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर 2023 में 68 लाख से अधिक आपातकालीन कॉल प्राप्त हुईं। औसतन प्रतिदिन 18,800 से अधिक या हर घंटे 780 से अधिक। हर बार इन्हें सुनना और बनती कॉल पर एक्शन लेना भी एक टास्क है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, 2023 में, 112 हेल्पलाइन पर 68,71,717 कॉल प्राप्त हुईं, जबकि 2022 में यह आंकड़ा 70,60,492 और 2021 में 66,87,137 था।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार,इस तरह की सबसे अधिक कॉलें राज्य की राजधानी लखनऊ 3,18,877 से प्राप्त हुईं। इसके बाद गोरखपुर 2,35,597, प्रयागराज 2,28,048, कानपुर 2,00,591, गौतम बौद्ध नगर 1,92,325 रहीं। गाजियाबाद में 1,87,785, आगरा में 1,81,468, अलीगढ़ में 1,57,197, जौनपुर में 1,53,043 और वाराणसी का आंकड़ा 1,49,558 रहा।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यूपी 112) नीरा रावत ने कहा कि बड़ी संख्या में घटनाओं को इस कॉल के जरिये समय रहते हल किया गया या फिर होने नहीं दिया गया।
यूपी पुलिस के 112 को आपात स्थिति के दौरान हेल्पलाइन नंबर 100 (पुलिस), 101 (फायर) और 102 (एम्बुलेंस) की भूमिकाओं को समाहित करने के लिए लॉन्च किया गया था, जिससे नागरिकों को वन-स्टॉप समाधान प्रदान किया जा सके।

एडीजी रावत ने बताया, ‘यूपी-112 प्रदेश के नागरिकों की सुरक्षा एवं सम्मान के प्रति अत्यन्त संवेदनशील है। प्रौद्योगिकी का अधिकतम उपयोग करके विभिन्न सरकारी संस्थानों के साथ एकीकरण के बाद 112 द्वारा नागरिकों को मदद का दायरा भी बढ़ गया है। परिणामस्वरूप, पीआरवी कर्मियों ने एक वर्ष में 68 लाख से अधिक नागरिकों को एक तरह से सहायता प्रदान की है।’
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (112) मोहिनी पाठक ने कहा कि कुल 4,800 पीआरवी हैं, जिनमें से 3,200 चार पहिया वाहन और 1,600 दोपहिया वाहन हैं।
पाठक ने कहा, इसमें 316 पीआरवी शामिल हैं जिनमें आपात स्थिति से निपटने के लिए महिला कर्मी भी हैं।
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में डेस्क ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को छोड़कर, पीआरवी से 31,200 कर्मी जुड़े हुए हैं।
112 के मीडिया सेल प्रभारी करुणा शंकर सिंह ने कहा कि विभाग इस आपातकालीन सेवा के बारे में आम जनता को अवगत कराने और संकट के दौरान तुरंत सहायता प्राप्त करने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान भी चला रहा है।