तरक्की खूब की पर प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाया
संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन (यूएनडब्ल्यूटीओ) ने साल 2023 के दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 54 ऐसे पर्यटन गांव खोजे हैं जिन्होंने अभी तक पारंपरिक रीति-रिवाज बचा रखे हैं, दुनिया की आप-धापी से बहुत दूर हैं और प्रकृति को नुकसान नहीं पहुंचाया है।
इन गांवों को नौ अलग-अलग मानदंडों के आधार पर चुना गया। जैसे, कैसे वे अपने प्राकृतिक पर्यावरण को अच्छी तरह संरक्षित और प्रदर्शित कर रहे हैं, आर्थिक और पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण।
उनमें से 5 गांव की कुछ रोचक बातें –
हकुबा( जापान)-पहाड़ गले लगाते हैं
बीस साल पहले मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया के टोनी एंडरसन स्नोबोर्डिंग के लिए हकुबा आए। वो एक होटल व्यवसायी हैं। उन्हें ये जगह बहुत भाई। वह अगले साल नागानो से लगभग 45 किमी पश्चिम में जापानी आल्प्स में इस गांव लौट आए और तब से वहीं रह रहे हैं।
वो बताते हैं कि जब मर्जी आओ। यहाँ के होटल भरे रहते हैं। जगह न होने पर भी स्टाफ आपको न नहीं कहता और आपके रहने का प्रबंध हो जाता है। मौसम के हिसाब से -दालान में या छत पर। आज भी लोग इतने खुले दिल के मालिक हैं।
हकूबा 10 अलग-अलग स्की रिसॉर्ट्स से घिरा हुआ है। साल भर यात्रा के लायक है। गर्मियों में पहाड़ गले लगाने को आतुर दिखते हैं। शरद ऋतु में पतझड़ देखना चाहते हैं तो एक बार ज़रूर जाएं।
लेरिसी( इटली)- अति पर्यटन से बचा हुआ है
लेरिसी में सारी सुख सुविधाएँ मिल जाएंगी। कमी है तो रेलवे स्टेशन की पर इसी कमी ने इसे अति पर्यटन से थोड़ा अधिक सुरक्षित रखा है। इसे “कवियों की खाड़ी” की राजधानी भी कहा जाता है।
यह कई सांस्कृतिक और कलात्मक उत्सवों की मेजबानी करता है, जैसे कि लेरिसी संगीत समारोह, प्रेमियो लेरिसी पी गोल्फो देई पोएटी साहित्यिक प्रतियोगिता, और नियमित कला प्रदर्शनियों, जिनमें इसका मध्ययुगीन महल भी शामिल है।
कवि पर्सी बिशे शेली, उपन्यासकार वर्जीनिया वूल्फ और लेखक और निर्देशक पियर पाउलो पसोलिनी यहीं के हैं।
यहाँ की खासियत यह है कि लोग सालों से मछली पालन कर रहे हैं। आजीविका का बेहतरीन साधन। सोलर पैनल लगे हैं। सिगरेट नहीं पी सकते और एक बार उपयोग होने वाला प्लास्टिक बैन है।
लेफिस (इथोपिया)-घास से बनाते हैं गहने
प्राकृतिक सुंदरता और वन्य जीवन के लिए इथोपिया की राजधानी अदीस अबाबा से लगभग 160 किमी दक्षिण में लेफिस वन में स्थित लेफिस गांव को हरा पाना कठिन है।
जंगल लगभग 2,000 घरों का भी घर है, जिनमें से कई को अब लेफिस इकोटूरिज्म विलेज द्वारा संभाला जाता है। पर्यटन को प्रोत्साहित करते हैं। स्थानीय विरासत को संरक्षित कर रखा है। पर्यटक स्थानीय घास और बांस से बने मनके, आभूषण और लकड़ी की नक्काशी देख और खरीद सकते हैं। गांव के मिशिके हस्तशिल्प एसोसिएशन इसे चलाता है। इसमें लगभग 17 महिलाएं और तीन पुरुष कार्यरत हैं।
जैपाटोका (कोलंबिया)-रेशम जैसी जलवायु वाला गाँव
प्राकृतिक सुंदरता भरी पड़ी है। यहाँ दुनिया के कुछ सबसे पुराने समुद्री जीवाश्म भी शामिल हैं। प्राचीन भूमिगत गुफाओं, उष्णकटिबंधीय जंगलों और लंबी पैदल यात्रा, ट्रैकिंग और अन्वेषण के लिए पहाड़ों के साथ की विविधता भी सामने आती है। हालाँकि, जलवायु उल्लेखनीय रूप से स्थिर है। स्थानीय लोग इसे “रेशम जैसी जलवायु वाला गाँव” कहते हैं।
शहर की सांस्कृतिक विरासत भी उल्लेखनीय है। इसमें टेराकोटा छतों वाले 18वीं शताब्दी के सफ़ेद घर है। धार्मिक वास्तुकला और इतिहास तक रिपब्लिकन और औपनिवेशिक शैलियों का मिश्रण है।
इसके चैपल और चर्चों की संख्या के कारण इसे लेविटिकल सिटी भी कहते हैं।
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डौमा (लेबनान) – इतिहास की किताब सा गांव
बेरूत से लगभग 80 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित डौमा गांव, अगर खूबसूरत नहीं है तो कुछ भी नहीं है। लाल टाइल वाली छतों वाले पारंपरिक पत्थर के घर बहुत हैं। सदियों पुराने चर्च देखने लायक हैं।
एक यात्री ने कहा, ऐसा लगता है मानो आप किसी इतिहास की किताब में प्रवेश कर रहे हों।
अपनी स्थानीय खाद्य परंपराओं को संभाल रखा है। बिस्कुट से बनी “राहा मिठाई” शहर की ज़ातर, जैतून का तेल, चीज़ और जैम की तरह पसंदीदा है। कई सामग्रियां स्थानीय खेतों और अंगूर के बागानों से आती हैं।
गांव ने कई नई हरित पहल भी की हैं, जिसमें गांव के लिए बिजली पैदा करने के लिए 600 सौर पैनलों का उपयोग करना, पेड़ लगाना और खाद बनाने को प्रोत्साहित करना शामिल है।