Manipur : गंदे पानी को साफ करने के बाद दोबारा उपयोग की योजना
Manipur ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी एक रिपोर्ट
मणिपुर। Manipur : Garbage is collected from door to door मणिपुर कई समस्यायों से जूझ रहा है। जीवन बचाना सबसे ऊपर है। यही कारण है कि यहाँ के लोग हर वो प्रयास कर रहे हैं जिसे विकसित शहरों के लोग इग्नोर कर रहे। सरकारें जिन पर ध्यान नहीं दे रही। यह जानकारी मणिपुर ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को सौंपी एक रिपोर्ट में साझा की है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) को बताया गया है कि शहर में गंदे पानी को साफ करने के बाद दोबारा उपयोग की योजना बनाई गई है। इससे पानी को संरक्षित किया जा सकेगा। पानी बर्बाद होने से बचेगा। खेतों और पशुओं के लिए भी काम आ सकता है। वहीं बिष्णुपुर (कीनोउ), इम्फाल ईस्ट (केइराओ), और इम्फाल वेस्ट (फयेंग) के ग्रामीण क्षेत्रों में ठोस कचरे के उचित प्रबंधन के लिए प्रणाली स्थापित की गई है। कुछ लोग आगे आये थे पर अब वो ये अलख सरे शहर में जगा रहे हैं।
इंदौर ने अपने कचरे का प्रबंधन कैसे किया इसे समझने के बाद एक टीम मणिपुर के शहरों, गांवों और पहाड़ी इलाकों में कचरा कम करने की योजना पर काम कर रही है।
रिपोर्ट से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में कचरे को अलग किया जाता है। इसी तरह 99 फीसदी घरों से कचरा एकत्र किया जाता है। ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में लोग अक्सर गीले कचरे से खाद बना रहे हैं वहीं इसे जानवरों को खिलाना बेहद आम है। यही वजह है कि इन क्षेत्रों में करीब 90 फीसदी कचरे का या तो खाद या फिर जानवरों के लिए चारे के रूप में उपयोग किया जाता है।
यह रिपोर्ट 12 सितंबर, 2024 को एनजीटी की वेबसाइट पर अपलोड की गई है।
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