तरनतारन से छात्राओं की Anaemia जांच मुहिम की गई शुरुआत
Anaemia मुक्त पंजाब : जल्द ही यह जांच अभियान सभी जिलों में शुरू किया जाएगा
सरकारी स्कूलों में विशेष कैंप लगाकर लड़कियों की अनीमिया जांच करेंगी
तरनतारन/चंडीगढ़, 06 फरवरी:
Anaemia मुक्त पंजाब बनाने के उद्देश्य से सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने आज श्री गुरु अर्जन देव सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (बालिकाएं) तरनतारन से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं की अनीमिया जांच मुहिम की शुरुआत की। इस अभियान के पहले दिन 10 टीमों द्वारा लगभग 1152 छात्राओं की Anaemia जांच की गई।
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर तरनतारन श्री राहुल, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) श्री राजदीप सिंह बराड़, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) श्री संजीव कुमार, एस.डी.एम. तरनतारण श्री अरविंदरपाल सिंह और सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय उपस्थित थे।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश के प्रत्येक नागरिक के अच्छे स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध है और इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा अनीमिया मुक्त पंजाब बनाने के उद्देश्य से स्कूलों में पढ़ने वाली बालिकाओं के खून की जांच मुहिम शुरू की गई है। उन्होंने बताया कि इस अभियान के प्रारंभिक चरण में जिला तरनतारण के सरकारी
स्कूलों में छठी से बारहवीं कक्षा तक की लगभग 30,000 छात्राओं के खून की जांच कर Anaemia का पता लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जो भी छात्राएं अनीमिया से पीड़ित पाई जाएंगी, उनका तुरंत इलाज सुनिश्चित किया जाएगा
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि हमारी बेटियों का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर पर निर्भर करता है। उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार ने ऐतिहासिक शहर तरनतारन से Anaemia जांच मुहिम के पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है और बालिकाओं के पोषण स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जल्द ही इस अभियान को राज्य के सभी जिलों में शुरू किया जाएगा, ताकि अनीमिया मुक्त पंजाब के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं की जांच एक अत्याधुनिक उपकरण से करवाएगी, जिससे बिना सुई चुभाए हीमोग्लोबिन स्तर और अनीमिया का पता लगाया जा सकेगा।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए शरीर में हीमोग्लोबिन का उचित स्तर होना बहुत आवश्यक है और यदि कोई Anaemia से पीड़ित है, तो न तो वह ठीक से पढ़ाई कर सकता है और न ही किसी अन्य गतिविधि में भाग ले सकता है।
उन्होंने बच्चों को शिक्षित करते हुए कहा कि वे संतुलित और पोषणयुक्त आहार लें और बाज़ार के अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों से पूरी तरह परहेज करें। उन्होंने कहा कि समाज को किसी भी प्रकार के भेदभाव से ऊपर उठकर बेटियों को उनके लक्ष्य हासिल करने के लिए समान अवसर प्रदान करने चाहिए और माता-पिता को अपनी बेटियों के पोषण पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ भी ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक 261 बच्चों को बाल श्रम और बाल भिक्षावृत्ति से मुक्त कराकर मुख्यधारा में शामिल किया गया है और विभाग की छात्रवृत्ति योजना के तहत उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाया गया है
इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर श्री राहुल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा Anaemia जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, जिनसे कुछ ही मिनटों में छात्राओं के हीमोग्लोबिन स्तर का पता लगाया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीमें जिले के विभिन्न सरकारी स्कूलों में 6वीं से 12वीं कक्षा की छात्राओं की विशेष कैंप लगाकर अनीमिया जांच करेंगी।
सिविल सर्जन डॉ. गुरप्रीत सिंह राय के नेतृत्व में जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वरिंदरपाल कौर ने अनीमिया के शरीर पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग को मिले अत्याधुनिक उपकरणों से छात्राओं की अनीमिया स्क्रीनिंग बहुत ही आसान होगी। उन्होंने कहा कि जिन छात्राओं को अनीमिया से पीड़ित पाया जाएगा, उनका तुरंत इलाज शुरू कर अनीमिया को दूर किया जाएगा।
इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री राहुल अरोड़ा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वरिंदरपाल कौर, जिला सामाजिक सुरक्षा अधिकारी श्री गगनदीप सिंह, जिला सामाजिक न्याय और अधिकारिता अधिकारी श्री बिक्रमजीत सिंह पुरेवाल, श्रीमती रविंदर कौर अहलूवालिया प्रधानाचार्य सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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