BIG NEWS – मामला सर्वोदय अस्पताल का, पार्टनर्स डॉक्टरों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने और डॉक्यूमेंट में हेर फेर के संगीन आरोप
BIG NEWS – जालंधर। कोर्ट के निर्देशों पर आखिर थाना बारादरी को शहर के चार बड़े डॉक्टरों और एक सीए संदीप कुमार सिंह निवासी नोएडा पर केस दर्ज करना पड़ा। माननीय अर्जुन सिंह संधू की कोर्ट में सुनाया गया यह मामला 31-1-2024 को दर्ज हुआ था। अपने पार्टनर्स डॉक्टरों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने और डॉक्यूमेंट में हेर फेर कर सर्वोदय अस्पताल को घाटे में दिखाने के संगीन आरोपों के तहत FIR की गई।
इस केस में ठगी मारने, साजिश रचने, पैसों को लेकर सरकारी विभाग को गुमराह करने, दस्तावेजों से छेड़छाड़ और फर्जी डॉक्यूमेंट पेश करने सहित कई अन्य धाराओं के तहत डॉक्टर कपिल गुप्ता, डॉ. राजेश अग्रवाल, डॉ. संजय मित्तल, डॉ. अनवर इब्राहिम खान के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
इस केस में किडनी कांड से जुड़े नाम भी सामने आ रहे हैं।
मालूम हो यह मामला तब खुला जब डॉक्टर पंकज त्रिवेदी की शिकायत पर पुलिस ने कोई एक्शन नहीं लिया और DA LEGAL की रिपोर्ट को अनदेखा कर दिया। उन्होंने बाद में यह मामला डीसीपी विर्क के सामने भी रखा पर कुछ नहीं हुआ। फिर उन्होंने यह मुद्दा कोर्ट ले जाना बेहतर समझा क्योंकि पुलिस तनदेही से मसले को दबाने में लगी थी।
BIG NEWS – डॉक्टरों और सीए पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 477 के तहत FIR दर्ज हुई
BIG NEWS – बैलेंसशीट पर 09 पार्टनर्स की बजाए सिर्फ 04 के सिग्नेचर
यह मामला शिकायत करता के ध्यान में तब आया जब उन्होंने 2018-19 की बैलेंसशीट देखी। इस पर सिर्फ चार पार्टनर्स के सिग्नेचर थे। यह फर्जी बैलेंसशीट थी। शिकायतकर्ता इस बात पर हैरान हुआ कि असल बैलेंसशीट पर 9 पार्टनर्स के सिग्नेचर थे। इस फर्जी बैलेंसशीट को सीए संदीप कुमार सिंह निवासी नोएडा ने तैयार किया था। डॉक्टर त्रिवेदी का कहना है उन्हें इस बात की खबर नहीं थी कि सीए संदीप कुमार सिंह को कब और किसने काम पर रखा। संदीप कुमार सिंह ने जो रिपोर्ट बनाई उसमें सैलरी और बाकी पैसा उक्त आरोपियों को देने की बात मेंशन की गई थी।
यही नहीं अस्पताल को 1.7 करोड़ के घाटे में भी दिखाया गया जबकि उक्त आरोपियों को पैसा मिल रहा था तो यह कैसे संभव है कि घाटे में चल रहे अस्पताल से पार्टनर्स बड़ा मुनाफा भी कमा रहे हों।
BIG NEWS – तो यह ऐसे संभव हुआ कि 21 -6 -2020 को एक नया UDI नंबर 20511685AAAAAZ7230 जेनरेट किया गया जिस पर यह फर्जी रिपोर्ट अपलोड की गई जिस पर सभी पार्टनर्स के हस्ताक्षर नहीं थे।
सनद रहे इस मामले में कोर्ट ने डीए लीगल की रिपोर्ट (लेटर नंबर 84 तिथि 7-2-2023 ) को भी आधार बनाया। अब इस मामले की जांच ASI सुखदीप सिंह करेंगे। हालाँकि बड़ी बात यह है कि इतना हाई प्रोफाइल मामला एक ASI को सौंप दिया गया है जबकि जांच किसी बड़े और अनुभवी अफसर को दी जानी चाहिए थी।
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