नई दिल्ली । साक्षी मलिक के कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा करने और बजरंग पुनिया द्वारा अपना पद्मश्री लौटाने के एक हफ्ते से भी कम समय बाद, तीसरे शीर्ष पहलवान विनेश फोगाट ने घोषणा की है कि वह अपना खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड लौटा देंगी।
मालूम हो कि वो भी भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थी। उन्होंने इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखी चिट्ठी भी ट्वीट की है।
उन्होंने लिखा है कि जो शोषणकर्ता है उसने भी अपना दबदबा रहने की मुनादी कर दी है। ऐसे में खेल में रहना और इन इनमें का कोई तुक नहीं रह जाता।
भारतीय कुश्ती संघ के नए चुनाव में संजय सिंह की जीत के बाद पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि संघ में दबदबा बना हुआ है और बना रहेगा।
हालांकि, केंद्रीय खेल मंत्रालय ने भारतीय कुश्ती संघ के नए पैनल को निलंबित कर दिया है।
विनेश फोगाट ने अपनी चिट्ठी में पीएम मोदी को संबोधित करते हुए लिखा है, “आप अपनी ज़िंदगी के सिर्फ़ 5 मिनट निकालकर उस आदमी के मीडिया में दिए गए बयानों को सुन लीजिए, आपको पता लग जाएगा कि उसने क्या -क्या किया है। ”
“उसने महिला पहलवानों को मंथरा बताया है, महिला पहलवानों को असहज कर देने की बात सरेआम टीवी पर कबूली और हम महिला खिलाड़ियों को ज़लील करने का एक मौक़ा भी नहीं छोड़ा है। ”
विनेश फोगाट ने लिखा है कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड का उनकी ज़िंदगी में कोई मतलब नहीं रह गया है।
इससे पहले संजय सिंह के कुश्ती संघ का अध्यक्ष बनने के बाद साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास लेने की घोषणा की थी।
प्रधान मंत्री मोदी को एक भावनात्मक खुले पत्र में, फोगाट जिन्होंने राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों दोनों में स्वर्ण पदक जीते हैं, ने पूछा कि क्या महिला पहलवान केवल सरकारी विज्ञापनों की शोभा बढ़ाने के लिए बनी हैं। पुरस्कार इसलिए वापस कर रहीं हैं ताकि वे सम्मान के साथ जीने की राह पर बोझ न बनें।
उन्होंने यह भी कहा है कि जब पहलवान पदक जीतते थे तो उन्हें देश का गौरव माना जाता था, लेकिन अब उन्हें देशद्रोही करार दिया जा रहा है क्योंकि उन्होंने न्याय की मांग की है।
हिंदी में लिखे पत्र में फोगाट कहती हैं, ‘साक्षी मलिक ने कुश्ती छोड़ दी है और बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री लौटा दिया है। पूरा देश जानता है कि देश के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को यह सब करने के लिए क्यों मजबूर किया गया; और आप देश के मुखिया हैं तो ये बात आप तक भी पहुंची होगी। प्रधानमंत्री जी, मैं विनेश फोगाट, आपके घर की बेटी हूं और पिछले कुछ समय से मेरी जो हालत रही है, वो बताने के लिए आपको ये पत्र लिख रही हूं।
मुझे याद है साल 2016, जब साक्षी मलिक ने ओलंपिक में पदक जीता था, तो आपकी सरकार ने उन्हें “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” का ब्रांड एंबेसडर नामित किया था। जब इसकी घोषणा की गई थी, तो देश की सभी महिला खिलाड़ी खुश थीं और बधाई दे रही थीं। आज, जब से साक्षी को कुश्ती छोड़नी पड़ी, मुझे वह साल बार-बार याद आ रहा है।