इंदौर में है वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित अनाथालय, मुलाजिमों पर केस दर्ज
इंदौर/नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के इंदौर में एक अनाथालय के लगभग 21 बच्चों ने अपने कर्मचारियों पर भयानक दुर्व्यवहार और यातना का आरोप लगाया है। यह खुलासा तब हुआ जब बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की एक टीम द्वारा पिछले सप्ताह अनाथालय का अचानक दौरा किया गया। निरीक्षण करने के दौरान बच्चे बोले कि उनके साथ यहां अच्छा व्यव्हार नहीं किया जाता।
पुलिस ने कहा कि बच्चों ने अधिकारियों को बताया कि कर्मचारी छोटी-छोटी गलतियों पर उन्हें प्रताड़ित करते थे। अधिकारियों ने कहा, बच्चों ने टीम को बताया कि उन्हें उल्टा लटकाया गया, गर्म लोहे से दागा गया और कपड़े उतारकर तस्वीरें खींची गईं। उन्हें जलती हुई लाल मिर्च का धुआं भी सांस के साथ अंदर लेने को कहा गया।
अनाथालय के पांच कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और जांच शुरू कर दी गई है।
दो-तीन दिनों तक खाना नहीं दिया
एफआईआर में कहा गया है, चार साल के एक बच्चे को उसके पैंट में पॉटी करने के बाद बाथरूम में बंद कर दिया गया और दो-तीन दिनों तक खाना नहीं दिया गया।
पुलिस ने कहा कि वात्सल्यपुरम जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित अनाथालय किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीकृत नहीं था। ट्रस्ट के बेंगलुरु, सूरत, जोधपुर और कोलकाता में भी अनाथालय हैं।
इंदौर के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अमरेंद्र सिंह ने कहा, सीईसी द्वारा दायर एक शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया था। अनाथालय को तुरंत सील कर दिया गया और बच्चों को सरकारी सुविधाओं में स्थानांतरित कर दिया गया।
श्री सिंह ने कहा, इन भयानक दुर्व्यवहार के आरोपों की जांच की जा रही है। पुलिस ने कहा कि टीम ने अपनी शिकायत के साथ बच्चों की चोटों की तस्वीरें भी सौंपी हैं। सुविधा केंद्र में रहने वाले बच्चे महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और मध्य प्रदेश के हैं।