नई दिल्ली। बीबीसी अब भारत में कलेक्टिव न्यूज़रूम नाम से सेवाएं देगी।
ऐसा उस नीति के तहत किया गया है जिसमें कहा गया है कि भारत में न्यूज़ कंटेंट छापने वाली या पब्लिश करने वाली कंपनी में हिस्सेदारी का बहुमत ज़्यादातर भारतीय नागरिकों के ही पास होना चाहिए।
ये फ़ैसला इस साल हुई उस जांच के बाद लिया गया है जिसमें कर अधिकारियों द्वारा बीबीसी के भारत स्थित दफ़्तरों की तलाशी ली गई थी।
इसी कारण अब बीबीसी भारत में इंडिया ऑपरेशन का पुनर्गठन कर रहा है।
कलेक्टिव न्यूज़रूम का नेतृत्व चार लोग करेंगे। उनमें इंडिया ऑपरेशन की मौजूदा हेड रूपा झा, सारा हसन, मुकेश शर्मा और संजॉय मजूमदार के साथ मिलकर सब कामकाज देखेंगी।
ये लोग बीबीसी छोड़कर नया वेंचर ज्वाइन करेंगे।
भारत में नए नियमों के तहत यहाँ काम कर रही न्यूज़ कंटेंट कम्पनी में कोई भी विदेशी कम्पनी केवल 26 फीसदी हिस्सेदारी ही डाल सकता है।
बीबीसी की छह भारतीय भाषा सेवाओं का संचालन अब कलेक्टिव न्यूज़रूम द्वारा किया जाएगा। इनमें बीबीसी गुजराती, बीबीसी हिंदी, बीबीसी मराठी, बीबीसी पंजाबी, बीबीसी तमिल, बीबीसी तेलुगू और अंग्रेज़ी भाषा में बीबीसी इंडिया यूट्यूब चैनल के लिए कंटेंट तैयार करने का काम शामिल है।
हाल ही में डॉक्टर समीर शाह को बीबीसी का अगला चेयरमैन बनाया गया था।
इंडिया ऑपरेशन की मौजूदा हेड रूपा झा ने इस बारे कहा कि सब कुछ नियमों के तहत हो रहा है और उनकी टीम विश्वास दिलाती है कि पाठक को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। ख़बरों और मनोरंजन को लेकर पहली जैसी निष्ठा मिलती रहेगी।
उन्होंने कहा कि बीबीसी और कलेक्टिव न्यूज़रूम में समझौते का असर किसी भी चीज पर नहीं होगा। कंटेंट क्वालिटी भी इसी का हिस्सा है।
बीबीसी ने 1940 में अपना हिंदी का कंटेंट देना शुरू किया था। अभी भारत में 300 से ज़्यादा कर्मचारी बीबीसी के लिए काम करते हैं।