Cold Update: 1947 में 10.3 तक गिरा था, न्यूनतम तापमान में और गिरावट की संभावना
Cold Update : लोग अघोषित बिजली कट से परेशान, कांगड़ी और हमाम का ही सहारा
श्रीनगर। Cold Update -वैसे तो सारा देश ही सर्दी की मार झेल रहा है। बाकी देश में अभी उतनी सर्दी नहीं पड़ रही जितनी कश्मीर में। लोग ठिठुर रहे हैं। हांड मास कंपकपा देने वाली सर्दी ने घरों में क़ैद रहने के लिए मजबूर कर दिया है।
ऊपर से बिजली कटों के कारण न तो हीटर का सहारा है और न ही ब्लोअर का। लोग कांगड़ी जलाने को मजबूर हैं। गर्म पानी के हमाम का भी स्पोर्ट ले रहे। लोगों ने बताया, 12-12 घंटे के कट लग रहे। हीटर क्या ही कर लेंगे।
डॉक्टरों का भी कहना है कि ज़रूरी न हो तो बच्चे बुजुर्ग घर में ही रहें।
मौसम विभाग का कहना है कि दशकों के बाद ऐसा तापमान आया है जो -8.5 तक चला गया है। इससे पहले 1947 में 10.3 तक गिरा था। हालांकि, घाटी में न्यूनतम तापमान में और गिरावट आने की संभावना है।
लोगों को पीने के पानी के लिए भी तरसना पद रहा क्योंकि पानी पाइपों में जैम गया। वाटर बॉडीज का भी यही हाल है।
श्रीनगर में तापमान सामान्य से 6.5 डिग्री सेल्सियस नीचे रहा. इसे हम भीषण शीत लहर कहते हैं. आने वाले दिनों में हमें शून्य से नीचे तापमान बढ़ने की भी उम्मीद है।’
एक अधिकारी ने कहा कि इस महीने में श्रीनगर का अब तक का सबसे कम न्यूनतम तापमान 13 दिसंबर, 1934 को -12.8 डिग्री सेल्सियस था।

शुक्रवार रात का तापमान श्रीनगर में 133 साल में तीसरा सबसे कम तापमान था।
कई कश्मीर निवासी सुबह उठे तो देखा कि पानी की पाइपलाइनें जाम हैं, जिससे आपूर्ति बाधित हो गई है। दिन में तापमान में मामूली बढ़ोतरी के बाद ही स्थिति में सुधार हुआ।
भीषण ठंड के कारण प्रसिद्ध डल झील सहित कई जलस्रोत जम गए हैं। गत दिनों कई वीडियो में नाविकों को अपनी नाव चलाने से पहले बर्फ की चादरें तोड़ते हुए दिखाया गया।
लगातार शीत लहर के पीछे मुख्य कारण, लंबे समय तक शुष्क मौसम ने अक्टूबर के बाद से निवासियों के लिए जीवन कठिन बना दिया है। यहां कई हफ्तों से बारिश नहीं हुई है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि कश्मीर में बारिश की कमी काफी बढ़ गई है। इससे हालात बिगड़ रहे हैं।
जम्मू और कश्मीर में इस अवधि के दौरान 97.1 मिमी की सामान्य वर्षा के मुकाबले 21 मिमी बारिश दर्ज की गई।
less rain causing loss
श्रीनगर के सरकारी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों से सुबह और शाम के समय ठंड के अनावश्यक संपर्क को सीमित करने का आग्रह किया है।
मौसम कार्यालय ने शनिवार को 26 दिसंबर तक मुख्य रूप से शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की और 21-22 दिसंबर की रात को घाटी के ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी की संभावना जताई।
इसमें कहा गया है कि 27 दिसंबर से 28 दिसंबर की सुबह तकरात से ऊंचाई वाले इलाकों में हल्की बर्फबारी भी संभव है। दूसरी तरफ अब्दुल्लाह सरकार को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा। उन्होंने बिजली सप्लाई बिना रुकावट देने का वादा जो किया था।