जालंधर। हज़ारा-कपूर गांव के किसानों ने कुछ ऐसा कर दिखाया है जो सब किसानों को करना चाहिए था। इन दोनों गांव के किसानों ने बाकी पंजाब के ज्यादातर किसानों की तरह खेत में खड़ी पराली को आग नहीं लगाई। इस बात को गांव में भी सबने सराहा और जब बात जालंधर प्रशासन तक पहुंची तो उन्होंने इन दोनों किसानों को मिसाल बनने के लिए मान सत्कार देने का निर्णय किया।
आज डीसी विशेष सारंगल सबसे पहले गांव हज़ारा पहुंचे और उसके बाद गांव कपूर जाकर सरपंच और पंच से मिले। बाद में किसानों से। उनकी पंचायत के काम के लिए उनको इस बात की बधाई दी। यही नहीं डीसी विशेष सारंगल ने उनको सम्मानित भी किया।
इस अवसर पर तहसीलदार रुपिंदर सिंह बल, कानूनगो नरेश कुमार, पटवारी रमनीत कौर, सरपंच सोनिया, नंबरदार करम पाल सिंह संघा, नंबरदार सुखविंदर सिंह और पंचायत सदस्य अशोक कुमार आदि उपस्थित थे।
मालूम हो कि अक्सर ऐसी शिकायतें आती रहती हैं कि पंजाब के किसान पराली जलाते हैं जिससे आस -पास के राज्यों के लोगों को भी सेहत संबधी शिकायतें होती हैं। ग्लोबल वार्मिंग में भी इनके कारण वृद्धि हो रही है।
पराली जलाने से जो गर्मी पैदा होती है वो मिटटी के अंदर एक मीटर तक दाखिल हो जाती है जिससे उपजाऊ जमीन के बैक्टीरिया और फंगल मर जाते जाते हैं।
हर साल कटाई के बाद लगभग 84 लाख मीट्रिक टन पराली खेतों में जला दी जाती है। इससे पंजाब सहित आस -पास के राज्यों की हवा भी दूषित हो जाती है।
ऐसे में अगर कोई किसान पराली नहीं जलाता है तो उसे प्रोत्साहित किया जाना तो बनता ही है।