वाराणसीः महिला महाविद्यालय की छात्राएं आजकल जीवन कौशल के विभिन आयामों से परिचित हो रही है। इन्हीं में से एक है साइबर इंटेलिजेंस। इस पर 6 दिसंबर को एक परिचर्चा करवाई गई।
साइबर इंटेलिजेंस का अर्थ है -बदलते समय में जब इंटरनेट एक ज़रूरत के रूप में हम सब के जीवन में शामिल है तो इसके साथ किस प्रकार का व्यहवार होना चाहिए, इसकी समझ।
कार्यक्रम की उपयोगिता बताते हुए कॉलेज की प्राचार्य प्रोफेसर रीता सिंह ने बताया, साइबर अपराधों में हिंसक ऑनलाइन व्यवहार, ऑनलाइन उत्पीड़न, यौन हमलों, हत्याओं और प्रेरित आत्महत्याओं सहित शारीरिक नुकसान पहुंचाने की इच्छा एवं सार्वजनिक रूप से शर्मिंदगी तक शामिल है।
इंटरनेट के प्रसार के साथ, महिलाओं के खिलाफ ऑनलाइन हिंसा ने गंभीर रूप धारण कर लिया है। लिहाजा, महिलाओं विशेषकर बच्चियों को इसे समझने एवं इनसे बचने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम की मुख्या वक्ता वाराणसी की एडिशनल डीसीपी सुश्री ममता रानी चौधरी ने बताया, सजगता ही इससे बचने का एक मात्र विकलप है। आज हम साइबर दुनिया में सुरक्षित रहने के लिए तकनीक से दूर नहीं जा सकते बल्कि हमें तकनीक के साथ स्मार्टनेस को अपना कर खुद को सर्वोत्कृष्टता की और ले जाना है।
उन्होंने महिलाओं को हिंसा से बचाने एवं सुरक्षित रखने हेतु चल रहे कानूनी प्रावधानों के बारे भी बताया। कार्यक्रम की अन्य वक्ता सुश्री रंजना गौड़ रहीं जो डायरेक्टर (SAARC), NGO वाराणसी हैं। उन्होंने भी छात्राओं को महिला उत्पीड़न के विभिन्न केस बताए और उनसे बचने के तरीकों एवं अधिकारों से परिचित करवाया। कार्यक्रम का संचालन मनोविज्ञान की प्रोफेसर कविता पांडेय द्वारा किया गया।