जालंधर समेत कई शहरों में Petrol-Diesel की कमी, लोगों में हाहाकार
पेट्रोल पम्पों पर गाड़ियों की लंबी लाइन, जगह जगह जाम
जालंधर/लुधियाना (सौरव सभरवाल) – देश में हिट एन्ड रन के नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर हैं। सोमवार को हड़ताल का तीसरा दिन था। इस कारण सामान और अन्य चीजों की आमद बंद होने के साथ साथ पेट्रोल -डीजल भी ख़त्म हो रहा है। जैसे ही लोगों को इस बात की सूचना मिली वे पेट्रोल -डीजल भरवाने चल पड़े।
जालंधर -लुधियाना समेत पंजाब के कई शहरों में पेट्रोल पंप पर गाड़ियों की भीड़ देखी जा सकती है। लोग घर की हर गाड़ी लेकर निकल पड़े हैं और शहरों में जगह -जगह जाम की स्थिति बनी हुई है और लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।
जालंधर पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के प्रधान सुखमोहन सिंह सहगल से जब बात की गई तो उन्होंने माना कि जालंधर -लुधियाना समेत पंजाब के कई शहरों में पेट्रोल और डीजल की कमी हो गई है। पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं। लोगों को इसकी सूचना मिलते ही ये बात आग कि तरह फैली और लोग सड़कों पर हैं।
जानकारी के अनुसार पंजाब के 30 फीसदी पेट्रोल पंप ड्राई हो चुके है। कुछ में एक दिन का तेल बचा है। बठिंडा-जालंधर और संगरूर से टैंकरों में सप्लाई होती है। प्रदेश के 4100 पंपों में से 30% पंप कल रात ही खाली हो चुके थे। वहीं कई पेट्रोल पंपों पर मात्र एक दिन का तेल बचा है, जो आज शाम तक बिक जाएगा।
10 राज्यों से पेट्रोल-डीजल पंप ड्राई होने की खबरें हैं। यहां लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। फल, सब्जी, दूध, कृषि के सामानों की सप्लाई प्रभावित हो रही है। कई जगह प्रशासन ट्रांसपोटर्स से संपर्क कर आपूर्ति बहाल करवाने में लगा है।
एमपी, राजस्थान, महाराष्ट्र, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, छत्तीसगढ़, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में भी हड़ताल के कारण हालात बिगड़ सकते हैं।
मध्यप्रदेश में मंगलवार को ट्रक-बस ड्राइवर्स की हड़ताल का असर जरूरी सेवाओं पर दिखा। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर सहित अन्य जिलों में दूध से लेकर सब्जी और किराना सप्लाई कम हुई। स्कूल-कॉलेज बसें बंद रहने से स्टूडेंट्स और पेरेंट्स परेशान हुए। बसें नहीं चलने से कई स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई।
भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर समेत अन्य शहरों के बस स्टैंड से बसें नहीं चल रही हैं। अकेले इंदौर में करीब 900 बसें बंद हैं। मध्यप्रदेश स्कूल बस सेवा संचालक समिति के अध्यक्ष शिवकुमार सोनी ने बताया कि मंगलवार को भी स्कूल बस और स्कूल वैन बंद रहेंगी। प्रदेश में कुल सवा लाख से अधिक स्कूल बसें और वैन चलती हैं।
ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष अमृतलाल मदान ने कहा, ‘अभी ट्रांसपोटर्स ने हड़ताल की घोषणा नहीं की है। इस पर फैसला मंगलवार को दिल्ली में होने वाली बैठक में होगा। अभी ड्राइवर खुद ही गाड़ियां छोड़कर उतर रहे हैं। दूसरों को भी चलाने नहीं दे रहे हैं।
क्या है हिट एन्ड रन कानून
भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों में ‘लापरवाही से मौत’ में विशेष प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार यदि चालक के तेज और लापरवाही से गाड़ी चलाने से मौत होती है और ड्राइवर पुलिस या मजिस्ट्रेट को सूचना दिए बिना भाग जाता है, तो 10 साल तक की कैद और 7 लाख रुपए जुर्माना।
अब तक क्या था कानून
आईपीसी की धारा 279 (लापरवाही से वाहन चलाना), ड्राइवर की पहचान के बाद 304ए (लापरवाही से मौत) और 338 (जान जोखिम में डालना) के तहत दर्ज किया जाता है। इसमें दो साल सजा का प्रावधान है। वाहन चालक दुर्घटना के बाद भाग जाते थे।
मौके पर रहे तो भीड़ के गुस्से का सामना करना पड़ सकता है।
नहीं रोकी हड़ताल तो इसका असर
इस हड़ताल का जनता पर सीधा असर देखने को मिल सकता है। ट्रकों की हड़ताल होने से दूध, सब्जी और फलों की आवक नहीं होगी और कीमतों पर इसका सीधा असर देखने को मिलेगा। वहीं, पेट्रोल-डीजल की सप्लाई रुकने के आसार हैं, जिससे लोकल ट्रांसपोर्ट और आम लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो सकती है।
भारत में 95 लाख से ज्यादा ट्रक हर साल 100 अरब किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करते हैं। देश में 80 लाख से ज्यादा ट्रक ड्राइवर हैं, जो हर दिन जरूरत का सामान एक शहर से दूसरे शहर ट्रांसपोर्ट करते हैं। हड़ताल के कारण इतनी बढ़ी संख्या में ट्रकों के रुकने से जरूरी चीजों की किल्लत हो सकती है।