जानवरों के साथ बैठने से न केवल बाल फैलते हैं बल्कि फैलती हैं कई तरह की वायरस और एलर्जी
डायसन ने एक अध्ययन की पुष्टि
क्या आप अपने पालतू जानवर को बिस्तर और सोफे पर रहने देते हैं और उन्हें साफ नहीं करते हैं? तो आप बीमार पड़ सकते हैं। यह बात एक अध्ययन में कही गई है।
पालतू जानवर रखना न केवल मजेदार है बल्कि इसमें आपके पालतू जानवर और आपके स्वास्थ्य सहित सभी प्रकार की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं। हाल ही में डायसन द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है।
डायसन ग्लोबल डस्ट अध्ययन के अनुसार, भारतीय पालतू पशु मालिक पालतू जानवरों पर कीड़ों और प्रदूषकों की उपस्थिति के बारे में काफी जागरूक होते हैं। हालांकि, चार में से केवल एक पालतू जानवर का मालिक ही हर दिन अपने घरों की सफाई को प्राथमिकता देता है, इसलिए खुद को और अपने परिवार को पालतू जानवरों की एलर्जी से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों को सामने लाते हैं।

धूल में त्वचा के कणों की उपस्थिति के बारे में जागरूकता का अभाव
पशुओं में पाए जाने वाले जीवाणु मनुष्यों में संक्रामक रोग फैला सकते हैं। बैसिलस एंथ्रेसीस पशुओं में एक घातक बीमारी फैलता है। यह एक रॉड के आकार का जीवाणु है जो एंथ्रेक्स नामक बीमारी कारण बनता है। पशुओं से लोगों के सम्पर्क से यह लोगों को भी संक्रमित करता है और स्वास्थ्य के लिए अनिश्चित खतरे पैदा करता है।
अध्ययन के मुताबिक, साल-दर-साल, लोगों की सफाई की आदतों में सकारात्मक बदलाव देखे जा सकते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों की सफाई करते समय अपने गद्दे और सोफे सहित आम तौर पर नजरअंदाज किए जाने वाले कुछ स्थानों को साफ करते रहे हैं। आबादी कुछ हिस्सा ही हिस्सा ही सफाई को लेकर जागरूक है।
यह ध्यान देने योग्य है कि आमतौर पर धूल में त्वचा के कणों की उपस्थिति के बारे में जागरूकता का अभाव है।
पालतू जानवरों वाले घरों में बच्चों को जियादा देखभाल की जरूरत
स्टडी में पालतू जानवरों के बालों, रूसी और त्वचा के कणों से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों के बारे में जागरूक किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि ये प्रदूषक पालतू जानवरों के मालिकों और पालतू जानवरों के आसपास के बच्चों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं। इस सब में बच्चों का ख़ास ख्याल रखने की जरूरत है।
भारत में 42 प्रतिशत पालतू पशु मालिक अपने पालतू जानवरों को सोफे पर बैठने की इजाजत देते हैं, जिससे वायरस फैल सकते हैं, और एलर्जी हो सकती है।
केवल 28 फीसदी पालतू पशु मालिक अपने घरों की साफ-सफाई की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। केवल 21 प्रतिशत लोग पालतू जानवरों के रहने वाले चीजों की सफाई को अपनी नियमित सफाई दिनचर्या में शामिल करते हैं। 10 में से तीन भारतीय अपने कुत्तों को बिस्तर और शयन कक्ष के फर्श पर सुलाने को लेकर कोई दिक्कत नहीं है।

सफाई को प्राथमिकता दें
अध्ययन के हवाले से डायसन में माइक्रोबायोलॉजी में शोध वैज्ञानिक मोनिका स्टुजेन के अनुसार, पालतू जानवरों के मालिकों को उनकी सफाई को प्राथमिकता देनी चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि अधिकांश सूक्ष्म कण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।बहुत से लोग सोचते हैं कि पालतू जानवरों के बाल सबसे बड़ी समस्या हैं क्योंकि यह सबसे अधिक दिखाई देते हैं। आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग अपने पालतू जानवरों पर मौजूद अन्य कणों से अनजान हैं क्योंकि ये कण आकार में बहुत छोटे होते हैं।