ए.के. मैमोरियल स्कूल में बतौर प्रिंसीपल कार्यरत, उसका साथी भी पकड़ा
जालंधर। पुलिस ने एक सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए 12वीं, ग्रेजूएशन के फर्जी सर्टीफिकेट बनाने के धंधे में शामिल ए.के. मैमोरियल स्कूल के प्रिंसिपल व उसके साथी को अरेस्ट किया है। कमिश्नर स्वपन शर्मा ने कहा कि स्पेशल स्टाफ के इंस्पेक्टर इन्द्रजीत सिंह को सूचना मिली थी कि शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो सीबीएसई और ओपन स्कूल के फर्जी प्रमाणपत्र बनाता है।
दोनों आरोपी लोगों की जरूरत के मुताबिक कम्प्यूटर से ही फर्जी सर्टीफिकेट बना कर लोगों को बेच रहे थे। जांच के दौरान पुलिस टीम ने इस फर्जीवाड़े में संलिप्त अनुराग डाबर निवासी बी-46 न्यू विनय नगर जालंधर और राघव चड्ढा निवासी फतेहपुरी टांडा रोड को गिरफ्तार किया है।
जांच में पता चला कि अरेस्ट आरोपी अनुराग डाबर जालंधर के दोआबा चौक के निकट स्थित ए.के. मैमोरियल स्कूल में बतौर प्रिंसीपल कार्यरत है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ थाना नंबर 8 में धारा 465,467,468,471,420 आईपीसी, 66डी आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
स्वप्न शर्मा ने बताया कि गिरोह शातिर तरीके से बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का काम करता था।
तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से एक प्रिंटर सहित एक कंप्यूटर सेट और करीब 600 फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किए गए।
उन्होंने कहा कि अनुराग डाबर छात्रों से डेटा इकट्ठा करता था और इसे दूसरे आरोपी राघव को भेजता था। राघव कंप्यूटर का उपयोग कर डेटा से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करता था और उसे महंगे दामों पर बेचता था। कमिश्नर ने बताया कि गिरोह इन प्रमाणपत्रों को 20,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक में बेचता था।
पुलिस इनसे पूछताछ कर इस बात का भी पता लगा रही है कि किन लोगों को अब तक इन आरोपियों ने सर्टिफिकेट बेचे हैं।