FIR – कार प्रमोशन को लेकर दोनों सितारों समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत
बॉलीवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण कानूनी मुसीबत में फंस गए हैं। भरतपुर के अधिवक्ता कीर्ति सिंह ने दोषपूर्ण कार की खरीद और उसके प्रमोशन को लेकर दोनों सितारों समेत कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट के आदेश पर मथुरा गेट थाने में FIR दर्ज की गई है।
FIR – मामला कैसे शुरू हुआ?
अधिवक्ता कीर्ति सिंह ने जून 2022 में करीब 23.97 लाख रुपये खर्च कर एक एसयूवी खरीदी। उनका आरोप है कि गाड़ी कुछ ही समय बाद परेशानियाँ देने लगी। शिकायत में कहा गया है कि ओवरटेक करने पर गाड़ी स्पीड नहीं पकड़ती, इंजन की आरपीएम अचानक बढ़ जाती है और स्क्रीन पर “Engine Management System Malfunction” का संदेश चमकने लगता है। कार में लगातार कंपन और झटके भी महसूस होते हैं।
शिकायतकर्ता का कहना है कि जब उन्होंने कंपनी से संपर्क किया तो उन्हें बेहद अजीब समाधान सुझाया गया—गाड़ी सड़क किनारे रोककर एक घंटे तक 2000 RPM पर चलाइए, समस्या अपने-आप ठीक हो जाएगी। कीर्ति सिंह के मुताबिक, यह सलाह किसी भी उपभोक्ता के लिए अस्वीकार्य है और यह साफ करता है कि वाहन में गंभीर मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट है।
अदालत से पुलिस तक
समस्या का हल न मिलने पर कीर्ति सिंह ने भरतपुर की सीजेएम कोर्ट नंबर-2 का दरवाज़ा खटखटाया। अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस को FIR दर्ज करने का आदेश दिया। इसके बाद मथुरा गेट थाने में शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों समेत कुल सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ।
किन धाराओं में FIR दर्ज?
FIR में भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 120बी (आपराधिक साजिश) शामिल की गई हैं। इसमें न सिर्फ कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीओओ, बल्कि राजस्थान स्थित डीलरशिप के निदेशक-निदेशिका को भी आरोपी बनाया गया है। शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण पर आरोप है कि वे ब्रांड एंबेसडर के तौर पर ऐसे उत्पाद का प्रचार कर रहे थे, जिसमें गंभीर खामियाँ थीं।
अधिवक्ता कीर्ति सिंह ने कहा कि गाड़ी खरीदने के बावजूद वे लगातार मानसिक और आर्थिक कष्ट झेल रहे हैं। गाड़ी लोन पर खरीदी गई थी, किस्तें हर महीने बैंक को जानी ही पड़ रही हैं, जबकि वाहन खराब हालत में खड़ा है। उन्होंने कहा, “मैंने शाहरुख और दीपिका जैसे बड़े सितारों पर भरोसा कर गाड़ी खरीदी। लेकिन आज मैं ठगा हुआ महसूस कर रहा हूँ।”
सेलिब्रिटी की जिम्मेदारी पर बड़ी बहस
यह मामला सिर्फ तकनीकी खराबी तक सीमित नहीं है। यह सवाल भी खड़ा करता है कि ब्रांड एंबेसडर किसी उत्पाद की विश्वसनीयता के लिए कितने ज़िम्मेदार होते हैं। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के मुताबिक, यदि किसी उत्पाद के प्रचार में भ्रामक जानकारी दी जाती है, तो विज्ञापन में शामिल सेलिब्रिटी पर भी कार्रवाई हो सकती है।
शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण वर्षों से इस कंपनी के विज्ञापनों से जुड़े हैं। उपभोक्ताओं का कहना है कि जब आम लोग बड़े चेहरों को देखकर खरीदारी करते हैं, तो जिम्मेदारी सिर्फ कंपनी पर नहीं बल्कि उन चेहरों पर भी आती है।