HATHRAS UPDATE : 80 हजार की मंजूरी ले बुलाये 2.5 लाख लोग, केस दर्ज
HATHRAS UPDATE : आयोजकों पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप
HATHRAS UPDATE: मुख्यमंत्री ने कहा, जो भी दोषी पाया जाएगा, बख्शा नहीं जाएगा
हाथरस। (HATHRAS UPDATE) यहां एक धार्मिक मण्डली में भगदड़ में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 122 हो गई। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। केस में आयोजकों पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया, जिसमें 2.5 लाख लोग कार्यक्रम में एकत्र हुए थे, लेकिन केवल 80,000 लोगों के लिए अनुमति दी गई थी।
HATHRAS UPDATE : कहा जा रहा है कि भगदड़ तब मची जब लोग बाबा की गाड़ी के टायर की मिट्टी छूने को भागे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आज सिकंदर राऊ इलाके में फुलराई गांव के पास उस स्थान का दौरा करने की संभावना है, जहां मंगलवार दोपहर धार्मिक उपदेशक भोले बाबा के ‘सत्संग’ के लिए हजारों की भीड़ इकट्ठा होने पर भगदड़ मच गई थी।
राहत आयुक्त कार्यालय के अनुसार, मरने वालों की संख्या बढ़कर 122 हो गई है, जबकि घटना में घायल लोगों की संख्या 28 है।
HATHRAS UPDATE : 19 मृतकों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई
इसमें कहा गया है कि कुल मौतों में से 19 की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।
मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने मरने वालों की संख्या 116 बताई। सात बच्चों और एक पुरुष को छोड़कर, सभी हताहत महिलाएं थीं। राज्य पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मंडली या ‘सत्संग’ संचालक जगत गुरु साकार विश्वहरि का नाम एफआईआर में आरोपियों की सूची में नहीं है, हालांकि उनका नाम शिकायत में है।
HATHRAS UPDATE : प्राथमिकी में आरोप लगाया गया कि आयोजकों ने अनुमति मांगते समय ‘सत्संग’ में आने वाले भक्तों की वास्तविक संख्या छिपाई, यातायात प्रबंधन में सहयोग नहीं किया और भगदड़ के बाद सबूत छिपाए।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलवार देर रात सिकंदर राऊ पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में ‘मुख्य सेवादार’ देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों का नाम लिया गया है।
एफआईआर भारतीय न्याय संहिता की धारा 105 (गैर इरादतन हत्या), 110 (गैर इरादतन हत्या का प्रयास), 238 (सबूतों को गायब करना), 126 (2) (गलत तरीके से रोकना), 223 (लोक सेवक द्वारा विधिवत प्रख्यापित आदेश की अवज्ञा) के तहत दर्ज की गई है।
HATHRAS UPDATE : आयोजकों और ‘सेवादारों’ ने सहयोग नहीं किया
शिकायतकर्ता ब्रिजेश पांडे ने अपनी एफआईआर में कहा कि मंगलवार को देवप्रकाश मधुकर और अन्य द्वारा सिकंदर राऊ इलाके में जीटी रोड पर फुलराई और मुगलगढ़ी के बीच बाबा का ‘सत्संग’ कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
आयोजकों ने लगभग 80,000 लोगों के लिए अनुमति मांगी जिसके लिए पुलिस और प्रशासन ने व्यवस्था की।
हालांकि, इस कार्यक्रम में 2.5 लाख से ज्यादा लोग जुटे थे। प्राथमिकी में कहा गया है कि अनुमति की शर्तों का पालन नहीं करने से जीटी रोड पर यातायात जाम हो गया और पुलिस और प्रशासन के अधिकारी इसे हटाने के लिए काम कर रहे थे।
इसी बीच दोपहर करीब दो बजे सत्संग के मुख्य वक्ता बाबा अपने वाहन से बाहर आये और भक्त गाड़ी के टायर के नीचे से मिट्टी इकट्ठा करने लगे।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण जो लोग (मिट्टी लेने के लिए) लेटे हुए थे, वे कुचले जाने लगे।
इसमें कहा गया है कि मौके से भाग रहे लोगों को पानी और कीचड़ से भरे तीन फीट गहरे खेत के दूसरी तरफ खड़े बाबा के लाठीधारी सहायकों ने रोक दिया, जिसके कारण महिलाएं, बच्चे और पुरुष कुचल गए।
एफआईआर में कहा गया है कि भीड़ के दबाव के बावजूद, पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने हर संभव प्रयास किया और उपलब्ध संसाधनों से घायलों को अस्पतालों में भेजा और कहा कि आयोजकों और ‘सेवादारों’ ने सहयोग नहीं किया।
आयोजकों ने मृतकों की चप्पलें और अन्य सामान खेतों में फेंका
एफआईआर में कहा गया है कि आयोजकों ने सबूत छिपाकर और श्रद्धालुओं की चप्पलें और अन्य सामान पास के खेतों में फसलों में फेंककर कार्यक्रम में आने वाले लोगों की वास्तविक संख्या को छिपाने की कोशिश की।
घटना के कारणों की जांच के लिए मंगलवार को एडीजी आगरा और अलीगढ़ मंडलायुक्त की टीम गठित की गई।
सरकार ने एक बयान में कहा कि रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर सौंपी जानी है।
अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए, आदित्यनाथ ने कहा, “हमारी सरकार इस घटना की तह तक जाएगी और साजिशकर्ताओं और जिम्मेदार लोगों को उचित सजा देगी। राज्य सरकार इस पूरी घटना की जांच कर रही है। हम देखेंगे कि यह दुर्घटना या साजिश है।” उन्होंने दुखद घटना पर राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों को भी आड़े हाथों लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी दोषी पाया जाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
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