अगली सुनवाई 29 फरवरी को निर्धारित
कोच्चि: केरल उच्च न्यायालय यह जानकर हैरान रह गई कि कोई परिवार बहु को ये कह सकता है कि लड़का पैदा करो। यही नहीं वो इस तरह का ‘गुणवान’ भी होना चाहिए। इसके लिए लड़की को शादी वाले दिन ही एक लिखित में नोट दिया गया ताकि कोई गड़बड़ न हो। जब ससुराल ने ‘गुणवान लड़का’ न पैदा करने पर यातनाएं दीं तो लड़की को कोर्ट जाना पड़ा। लड़की ने कहा कि उसने जब से एक बेटी को जन्म दिया है तब से परिवार ने उसका जीना मुहाल कर रखा है।
महिला ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
चूंकि मामला गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) के तहत आता है, इसलिए अदालत ने राज्य और केंद्र से निर्देश मांगे हैं और अगली सुनवाई 29 फरवरी को निर्धारित की है।
लड़की ने बताया कि उसकी शादी की शाम को ही उसके ससुराल वालों ने उसको एक ‘अच्छे लड़के’ की कल्पना करने के तरीके के बारे में एक विस्तृत हस्तलिखित नोट दिया।
आख़िरकार, उसने एक लड़की को जन्म दिया और तब से उसे अपने पति के परिवार द्वारा अत्यधिक यातना सहनी पड़ी, और वर्षों से कई अनिवार्य एजेंसियों से कोई राहत नहीं मिलने के बाद अंततः उसे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।