कहा -राशन की दुकान से नहीं केंद्र सीधे ट्रकों से अनाज लोगों को बाँट रहा
तिरुवनंतपुरम। केरल सरकार ने अपनी राशन की दुकानों को केंद्र प्रायोजित पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत ब्रांड करने और बड़ी दुकानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीरों के साथ सेल्फी पॉइंट स्थापित करने के केंद्र के निर्देश को खारिज कर दिया है। कारण है कि केंद्र राशन की दुकान से नहीं सीधे ट्रकों से अनाज लोगों को बाँट रहा है।
मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि राज्य अपने फैसले के बारे में केंद्र सरकार को लिखेगा।
उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से लोकसभा चुनाव के अभियान का हिस्सा है। विजयन ने कहा, हम केंद्र को सूचित करेंगे कि यह सही नहीं है और इसे यहां लागू करना मुश्किल होगा। हम यह भी जांचेंगे कि क्या इसे चुनाव आयोग के ध्यान में लाया जा सकता है।
केंद्र ने सभी राज्यों को यही निर्देश भेजा है। सूत्रों ने कहा कि केरल में 14,250 राशन दुकानें हैं, बड़े सार्वजनिक वितरण केंद्रों की संख्या लगभग 550 है।
केरल के खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम बताने से इनकार करते हुए कहा कि दो कारणों से राज्य को लगा कि ब्रांडिंग निर्देश अनुचित था।
सबसे पहले, योजना महामारी के दौरान शुरू की गई और बाद में विस्तारित की गई
इसे इस साल 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा, जिससे अगले साल से मुफ्त अनाज योजना पूरी तरह से राज्यों पर निर्भर हो जाएगी।
दूसरा, गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) के पात्र लोगों को राशन दिया जाता है। राज्यों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे ग्राहकों को ऐसे बैग उपलब्ध कराएं जिन पर मोदी की तस्वीर और योजना का नाम हो और वे 10 किलोग्राम तक वजन ले जा सकें।
जबकि केंद्र को प्रचार सामग्री की आपूर्ति करनी है, उन्हें राज्य सरकार के खर्च पर राशन की दुकानों तक पहुंचाया जाना है।
राज्य सरकार द्वारा ब्रांडिंग आदेशों को खारिज करने के साथ, अधिकारी ने कहा कि केरल को मुफ्त वितरण के लिए योजना के खाद्यान्न के लिए भुगतान करना पड़ सकता है।
केंद्र ने हाल ही में त्रिशूर जिले में 29 रुपये प्रति किलो की सब्सिडी वाले भारत चावल की बिक्री शुरू की है, जिस लोकसभा क्षेत्र पर भाजपा की लंबे समय से नजर है।
प्रधान मंत्री द्वारा निर्वाचन क्षेत्र की हाल की दो यात्राओं के बाद, सब्सिडी वाला चावल सीधे ट्रकों से बेचा जा रहा है, न कि सार्वजनिक वितरण दुकानों के माध्यम से।
राज्य के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री जी.आर. अनिल ने रेखांकित किया कि राज्य सरकार के आउटलेट्स ने वही चावल सस्ती कीमत पर बेचा।
उन्होंने कहा, हम उसी गुणवत्ता वाले चावल को सप्लाईको (सरकारी सुपरमार्केट) आउटलेट के माध्यम से 24 रुपये प्रति किलो पर बेचते हैं।
वही गुणवत्ता वाला चावल पहले से ही राशन की दुकानों के माध्यम से नीले कार्ड धारकों के लिए 4 रुपये प्रति किलो और सफेद कार्ड धारकों (गरीबी रेखा से ऊपर या एपीएल कार्ड के दो प्रकार) के लिए 10.90 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है।
केरल ने पहले अपने भाषाई और सांस्कृतिक लोकाचार के साथ असंगति का हवाला देते हुए अपने स्वास्थ्य केंद्रों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में ब्रांड करने के केंद्र सरकार के निर्देश को खारिज कर दिया था।
इसने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए राज्य की लाइफ मिशन आवास परियोजना को ब्रांड बनाने से भी इनकार कर दिया है।