राज्य के महत्वकांक्षी Underground Pipeline नेटवर्क से 40,000 हेक्टेयर से अधिक रकबे को होगा लाभ
चंडीगढ़, 25 दिसंबर:
पंजाब सरकार द्वारा आरंभ किए जल संरक्षण के प्रयासों के तहत भूमि और जल संरक्षण विभाग ने वर्ष 2024 के दौरान स्थायी जल प्रबंधन और कृषि बुनियादी ढांचे के विकास में महत्वपूर्ण मील पत्थर स्थापित किए हैं।
इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए भूमि और जल संरक्षण मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि राज्य में जल संरक्षण की कई प्रभावी परियोजनाएं लागू की गई हैं, जो भूजल को बचाते और पर्यावरण स्थिरता सुनिश्चित करते हुए पंजाब के सिंचाई क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान कर रही हैं।
श्री गोयल ने कहा कि स्थायी जल प्रबंधन के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता के तहत ठोस प्रयास किए जा रहे हैं, जिनसे सीधे तौर पर पूरे किसान भाईयों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के साथ-साथ पानी के उचित उपयोग को सुनिश्चित करना हमारे मिशन का महत्वपूर्ण पहलू रहा है।
श्री बरिंदर कुमार गोयल ने बताया कि राज्य में Underground Pipeline आधारित सिंचाई नेटवर्क के विस्तार के तहत 277.57 करोड़ रुपए की लागत वाली दो नई नाबार्ड वित्तपोषित परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उन्होंने बताया कि सिंचाई बुनियादी ढांचे के विस्तार वाली इन परियोजनाओं से 40,000 हेक्टेयर से अधिक रकबे को सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी।
उन्होंने यह भी बताया कि विभाग ने 18 Underground Pipeline सिंचाई परियोजनाओं की शुरुआत करके सतही पानी के वैकल्पिक स्रोतों को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। 50 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश वाली इन परियोजनाओं के तहत सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से 67 एमएलडी ट्रीटेड पानी का उपयोग किया जा रहा है, जिससे 2,233 हेक्टेयर से अधिक रकबा लाभान्वित हो रहा है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि सिंचाई के लिए टेल-एंड तक कुशलतापूर्वक पानी पहुंचाने को सुनिश्चित करने के लिए विभाग ने 860 किलोमीटर Underground Pipeline बिछाई है, जिससे 10,841 हेक्टेयर रकबे को लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस पहल के तहत किसान समूहों को 90% सब्सिडी और व्यक्तिगत किसानों को 50% सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
Underground Pipeline :
जल संरक्षण की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए 90% सब्सिडी के साथ लगभग 1,874 हेक्टेयर क्षेत्र को ड्रिप और फूआरा सिंचाई प्रणालियों के तहत लाया गया है। उन्होंने कहा कि विभाग ने भूजल के दुरुपयोग को रोकने के लिए ग्रामीण छप्पड़ों के पानी का सिंचाई हेतु उपयोग करने के लिए राज्य के 27 गांवों में सोलर-लिफ्ट सिंचाई परियोजनाएं भी शुरू की हैं।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार बारिश के पानी को संरक्षित करने और भू-कटाव व बाढ़ की रोकथाम के लिए राज्य के उप-पहाड़ी कंडी क्षेत्र में 42 जल संग्रहण और पुनर्भरण संरचनाओं एवं चेक डैमों का निर्माण किया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 में राज्य में पहली बार कई समर्पित कार्यक्रमों की शुरुआत की गई, जिसमें नहरों और गांवों के छप्पड़ों से सतही पानी का अधिकतम उपयोग, चेक डैम का निर्माण, मिट्टी और भूमि की सुरक्षा, बाढ़ से बचाव और छतों पर वर्षा जल पुनर्भरण पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे राज्य के किसान भाइयों को लाभ पहुंचेगा।
खनन और भूविज्ञान मंत्री श्री बरिंदर कुमार गोयल ने कहा कि सरकार की ये उपलब्धियां जल संरक्षण और स्थायी कृषि के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने आगे कहा कि ये पहल न केवल तत्काल सिंचाई आवश्यकताओं को पूरा करेगी, बल्कि पंजाब के किसान समुदाय के लिए लंबे समय तक जल सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगी।
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