जालंधर। Punjab’s 3 boys dead in Russia : विदेश में रोजी-रोटी कमाने गए और बाद में रूसी सेना में शामिल हो गए दस भारतीय नौजवानों की मौत की पुष्टि हुई है। इनमें तीन पंजाब के थे, और बाकी सात उत्तर प्रदेश और जम्मू के थे। इन नौजवानों को ढूंढने के लिए जगदीप सिंह रूस और दूसरी जगहों पर गए थे, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।
भारत लौटकर जगदीप ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के ऑफिस में सभी डॉक्यूमेंट्स पेश किए, जिसमें रूसी सेना के अनुसार इन नौजवानों की मौत की पुष्टि हुई। इन मरे हुए नौजवानों के माता-पिता अपने बच्चों के सुरक्षित लौटने का इंतजार कर रहे थे।
जगदीप के मुताबिक, जिन 10 भारतीयों की मौत की पुष्टि हुई है, उनमें अमृतसर के तेजपाल सिंह, लखनऊ के अरविंद कुमार, यूपी के धीरेंद्र कुमार, विनोद यादव, योगेंद्र यादव और पांच अन्य शामिल हैं। चार लापता भारतीय दीपक, योगेश्वर प्रसाद, अजहरुद्दीन खान और राम चंद्र हैं।
उन्होंने बताया कि वह पहली बार Punjab में संत सीचेवाल से 29 जून, 2024 को मिले थे, जब उन्होंने रूस में फंसे अपने भाई मंदीप और दूसरे भारतीय नौजवानों की सुरक्षित वापसी के लिए एक अर्जी दी थी। इसके बाद संत सीचेवाल विदेश मंत्री से मिले और उन्हें सुरक्षित वापस लाने के लिए एक लेटर लिखा। जगदीप ने बताया कि संत सीचेवाल प्रभावित परिवारों की मदद कर रहे हैं।
जगदीप ने बताया कि जब उन्हें अपने भाई मंदीप के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली, तो उन्होंने रूस जाने का फैसला किया। सीचेवाल ने टिकट का इंतज़ाम करके मदद की और उन्हें एक लेटर भी दिया ताकि रूस में उन्हें कोई दिक्कत न हो।

उन्होंने बताया कि वह दो बार रूस जा चुके हैं। अपनी पहली ट्रिप के दौरान वह वहां 21 दिन रुके थे, और अपनी दूसरी ट्रिप में वह दो महीने रुके और काफी जानकारी इकट्ठा की।
राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने भारत सरकार से अपील की कि रूसी सेना में भारतीय युवाओं की भर्ती पूरी तरह से रोक दी जाए। विदेश मंत्री को लिखे लेटर का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने रिक्वेस्ट की है कि रूसी सेना में मारे गए भारतीय युवाओं के शव उनके परिवारों को भेजे जाएं ताकि वे अपनी परंपराओं के अनुसार उनका अंतिम संस्कार कर सकें। उन्होंने उन ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करने की अपील की जो लोगों को सेना में भर्ती होने का झांसा देते हैं।





