केंद्र- सरकारी एजेंसियां 5 साल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल, मक्का और कपास खरीदेंगी
किसान- दो दिन अपने मंचों पर प्रस्ताव पर चर्चा करके बताएंगे अपना जवाब
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि तीन केंद्रीय मंत्रियों के एक पैनल ने किसानों के साथ बातचीत करने के बाद पांच साल के लिए सरकारी एजेंसियों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दाल, मक्का और कपास की फसल खरीदने का प्रस्ताव दिया है।
रविवार को यहां मंत्रियों के साथ बैठक के बाद किसान नेताओं ने कहा था कि वे सोमवार और मंगलवार को अपने मंचों पर सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे और उसके बाद आगे की कार्रवाई तय करेंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री गोयल, कृषि और किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा और गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए कानूनी गारंटी सहित उनकी मांगों पर किसान नेताओं के साथ चौथे दौर की बातचीत की। मालूम हो कि हजारों प्रदर्शनकारी किसान पंजाब-हरियाणा सीमा पर डेरा डाले हुए हैं।
तीसरे दौर की बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी शामिल हुए थे।
रात 8.15 बजे शुरू हुई चार घंटे से अधिक लंबी बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए, गोयल ने कहा कि चर्चा के दौरान नवीन और आउट ऑफ द बॉक्स विचार सामने आया और किसान नेता इस पर निर्णय लेंगे।
गोयल ने कहा, एनसीसीएफ (राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ) और नाफेड (भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) जैसी सहकारी समितियां उन किसानों के साथ अनुबंध करेंगी जो अरहर दाल, उड़द दाल, मसूर दाल या मक्का उगाते हैं। अगले पांच वर्षों तक उनकी फसल एमएसपी पर खरीदी जाएगी।
उन्होंने कहा, मात्रा (खरीदी) पर कोई सीमा नहीं होगी और इसके लिए एक पोर्टल विकसित किया जाएगा।
गोयल ने कहा, इससे पंजाब की खेती बचेगी, भूजल स्तर में सुधार होगा और जमीन को बंजर होने से बचाया जा सकेगा जो पहले से ही तनाव में है।
उन्होंने कहा, किसानों ने बताया कि वे मक्के की फसल में विविधता लाना चाहते हैं, लेकिन कीमतें एमएसपी से नीचे जाने पर होने वाले नुकसान से बचना चाहते हैं।
किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि एमएसपी पर कानून, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें और ऋण माफी जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
केंद्र के प्रस्ताव पर किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा, ‘हम 19-20 फरवरी को अपने मंचों पर चर्चा करेंगे और इस बारे में विशेषज्ञों की राय लेंगे और उसके अनुसार निर्णय लेंगे। पंधेर ने कहा कि ऋण माफी और अन्य मांगों पर चर्चा लंबित है और उम्मीद है कि इन्हें मंगलवार तक हल कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘दिल्ली चलो’ मार्च फिलहाल रुका हुआ है, लेकिन अगर सभी मुद्दे सुलझ नहीं गए तो 21 फरवरी को सुबह 11 बजे फिर से शुरू किया जाएगा।
किसानों के साथ एक और बैठक की संभावना पर, गोयल ने कहा कि अगर वे सोमवार को कोई निर्णय लेते हैं, तो सरकार उसी तर्ज पर चर्चा करने के लिए आगे बढ़ेगी, जैसा कि उन्होंने किसानों से अपना विरोध बंद करने का आग्रह किया था।
इस बीच, पंजाब के मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों की रक्षा के लिए फसलों के लिए एमएसपी के कानून की वकालत की। मान ने कहा कि उन्होंने बैठक के दौरान मोजाम्बिक और कोलंबिया से दालों के आयात का मुद्दा उठाया।
मान ने कहा, यह आयात 2 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, अगर इस फसल के लिए एमएसपी दिया जाता है तो पंजाब दालों के उत्पादन में देश का नेतृत्व कर सकता है और यह दूसरी हरित क्रांति होगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के किसान कपास और मक्का तभी अपना सकते हैं जब उन्हें इन फसलों पर एमएसपी की गारंटी मिले और इस बात पर जोर दिया कि इन फसलों का सुनिश्चित खरीदा जाना किसानों को फसल विविधीकरण के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।