पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास लिया
कोलकाता। भाजपा के लोकसभा प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी होने के अगले ही दिन भोजपुरी सिंगर पवन सिंह ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया X पर लिखा- भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को दिल से आभार, लेकिन किसी कारणवश मैं आसनसोल से चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा।
वहीं दिल्ली भाजपा के सीनियर लीडर और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया। हर्षवर्धन चांदनी चौक से सांसद हैं। इस बार पार्टी ने उनकी जगह प्रवीण खंडेलवाल को टिकट दिया है।
कहा ये जा रहा है कि भाजपा ने भोजपुरी अभिनेता-गायक पवन सिंह को आसनसोल लोकसभा सीट से अपने उम्मीदवार के रूप में वापस ले लिया, क्योंकि गीतों में बंगाली महिलाओं के प्रति उनके स्त्री-द्वेषपूर्ण बयानों और अशोभनीय संदर्भों के खिलाफ तृणमूल के नेतृत्व में आक्रोश था।
भाजपा ने बमुश्किल 24 घंटे पहले सिंह की उम्मीदवारी की घोषणा की थी, लेकिन उसे मजबूर होना पड़ा
तृणमूल कांग्रेस ने सोशल मीडिया और मुख्यधारा मीडिया पर आक्रोश व्यक्त करने के बाद बंगाल की विपक्षी पार्टी पर स्त्री द्वेष के कृत्यों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया।
हालाँकि शुरू में यह स्पष्ट नहीं था कि सिंह खड़े हो गए थे या भाजपा ने उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर किया था। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और अन्य नेताओं ने जीत का दावा करने के अवसर पर धावा बोल दिया था। बाद में भाजपा सूत्रों ने कहा कि अभिनेता को कथन जारी करने के लिए कहा गया था।
सूत्रों ने इस निर्णय के लिए न केवल सिंह के स्त्रीद्वेष के कथित कृत्यों पर असहजता को जिम्मेदार ठहराया, बल्कि एक बाहरी व्यक्ति की पसंद पर स्थानीय नेतृत्व की नाराजगी को भी बताया, जबकि कम से कम दो अन्य दावेदार वर्षों से काम कर रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘तृणमूल और यहां तक कि भाजपा के एक वर्ग की आपत्तियों और आक्रोश के बाद यह हमारे लिए उलटफेर का सबब बन सकता था। हम ऐसे समय में महिलाओं को लेकर कोई विवाद नहीं चाहते हैं जब हमने संदेशखाली में महिलाओं पर अत्याचार को बंगाल अभियान के लिए सबसे प्रमुख मुद्दा बनाया है। भाजपा की राज्य इकाई के एक पदाधिकारी ने कहा।
सिंह की डिस्कोग्राफी में बंगाली महिलाओं के कथित आपत्तिजनक संदर्भ वाले कई गाने हैं।
यहां तक कि भाजपा के दिग्गज नेता और त्रिपुरा तथा मेघालय के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने भी आसनसोल पर नए सिरे से विचार करने का आग्रह किया था।