पीटीआई ने उत्तरकाशी सुरंग हादसे में टनल के भीतर फसे मज़दूरों का एक वीडियो जारी किया है।
इसमें सभी मज़दूर सुरक्षित दिख रहे हैं। वे आपस में बात करते भी दिखे। हादसा हुए 9 दिन हो गए थे, ऐसे में मज़दूरों के परिवार को यह विश्वास दिलाना मुश्किल हो रहा थे कि सब ठीक है। अब उनको ढाँढस देने में आसानी रहेगी कि हालात ठीक हैं।
गर्म खाना भेजा गया
इसके इलावा एक 53 इंच लम्बी व 6 इंच मोटी पाइप के ज़रिये उनको गर्म खाने के रूप में खिचड़ी भेजी गई। सुरंग में पानी और बिजली कि व्यवस्था है। मज़दूरों से बात पहले से हो रही थी इसलिए उनकी सेहत को समझ कर दवाइयाँ भी अंदर भेजी जा रही थीं।
गडकरी ने विश्वास दिलाया था
मालूम हो कि गत दिवस केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी उत्तरकाशी सुरंग में चल रहे राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण करने गए थे। उन्होंने सुरंग में फंसे मजदूरों के परिवार से मुलाकात की थी। गडकरी ने तब विश्वास दिलाया था कि हमारी प्राथमिकता किसी भी तरह से लोगों की जान बचाना है।
कई स्तर पर बात जारी
बचाव दाल के एक अधिकारी ने मज़दूरों को निकालने के विकल्पों के बारे में कहा कि बचाव के लिए हर तरह के विकल्पों पर तेजी से काम चल रहा है। बहुत से एक्सपर्ट से बात की जा रही रही ताकि कोई भी कोशिश खाली न जाए।
ड्रोन मँगाए गए
उन्होंने बताया कि इंटरनेशनल लेवल के एक्सपर्ट भी मौजूद हैं जिनकी बात सुनी जा रही है। टनल के अंदर के लिए ड्रोन मँगाए गए हैं। लेकिन ड्रिलिंग के चलते कामयाबी नहीं मिली, अब एंडोस्कोपी कैमरा अंदर भेज के वीडियो मंगाया गया है। यह एक बड़ी कामयाबी है।