कहा- अब इस सम्मान के बोझ तले नहीं जी सकते
नई दिल्ली। रेसलर बजरंग पूनिया ने आज पद्मश्री अवॉर्ड लौटा दिया। हालांकि जब वो अवॉर्ड लौटाने पीएम के आवास पर पहुंचे तो वहां मौजूद पुलिस ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया।
इसके बाद रेसलर पूनिया ने अवॉर्ड PM के घर के बाहर फुटपाथ पर रख दिया।
इससे पहले पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया के जरिए चिट्ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया था।
बजरंग पूनिया ने चिट्ठी में लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है।
बजरंग पुनिया ने लिखा कुश्ती महासंघ में एक बार फिर बृज भूषण सिंह का कब्जा
प्रधानमंत्री को संबोधित इस चिट्ठी में बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों की ओर से लगाए गए आरोपों, इस संबंध में किए गए आंदोलन, उनके प्रदर्शन स्थल पर पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई और अब हाल ही में हुए महासंघ के चुनावों का ज़िक्र किया है।
बजरंग पुनिया ने लिखा है कि 21 दिसंबर को हुए कुश्ती महासंघ के चुनाव में एक बार फिर बृज भूषण सिंह का कब्जा हो गया है, जबकि गृहमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वह बृजभूषण और उनके करीबियों को बाहर कर देंगे।
पुनिया ने महिला पहलवान साक्षी मलिक का भी ज़िक्र किया, जिन्होंने गुरुवार को कुश्ती से संन्यास ले लिया था।
ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं
पद्मश्री लौटने को लेकर पुनिया ने लिखा है, “साल 2019 में मुझे पद्मश्री से नवाज़ा गया. खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाज़ा गया। जब ये सम्मान मिले तो मैं बहुत ख़ुश हुआ था। लगा कि जीवन सफल हो गया, लेकिन आज उससे कहीं ज़्यादा दुखी हूं और ये सम्मान मुझे कचोट रहे हैं। “
कारण सिर्फ़ एक ही है. जिस कुश्ती के लिए ये सम्मान मिले, उसमें हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है।
पुनिया लिखते हैं, जिन बेटियों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की ब्रैंड एंबैसडर बनना था, उन्हें इस हाल में पहुंचा दिया गया कि अपने खेल से ही पीछे हटना पड़ा। हम सम्मानित पहलवान कुछ नहीं कर सके। महिला पहलवानोंं को अपमानित किए जाने के बाद मैं सम्मानित बनकर अपनी ज़िंदगी नहीं जी पाऊंगा। इसलिए ये सम्मान आपको लौटा रहा हूं।
आख़िर में उन्होंने लिखा है, “मुझे ईश्वर में पूरा विश्वास है कि उनके घर देर है, अंधेर नहीं, अन्याय पर एक दिन न्याय की ज़रूर जीत होगी ।
एक्स पर यह चिट्ठी पोस्ट करने से पहले पुनिया को दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पुलिस ने रोक लिया था। वह पद्मश्री पुरस्कार हाथ में लिए यहां पहुंचे थे और कह रहे थे कि इसे वह प्रधानमंत्री तक पहुंचाना चाहते हैं।
मालूम हो कि इस साल के शुरु में महिला पहलवानों ने कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे।
उनकी गिरफ़्तारी की मांग करते हुए साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया समेत कई खिलाड़ियों ने कई हफ़्तों तक दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन करके रोष जाहिर किया था।
इन खिलाड़ियों की दिल्ली पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने की चेतावनी तक दी थी। हालांकि, बाद में उन्होंने मेडल बहाने का फ़ैसला टाल दिया था।
इस मामले में बृज भूषण शरण सिंह के ख़िलाफ़ दर्ज की गई एफ़आईआर में आईपीसी की 354 , 354-ए, 354-डी और 506(1) जैसी धाराएं लगाई गई हैं।
दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में बृज भूषण शरण सिंह और उनके सहयोगी विनोद तोमर को सशर्त ज़मानत भी दी है।
कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा था कि अभियुक्त बिना किसी पूर्व सूचना के देश नहीं छोड़ेंगे और प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शिकायतकर्ताओं या गवाहों को धमकी या लालच नहीं देंगे।