SAME SALT MEDICINES : उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता के बारे में भी चिंता व्यक्त
चंडीगढ़। (SAME SALT MEDICINES) देश में लाखों लोगों को सस्ती और मानक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सोमवार को विभिन्न ब्रांडों के तहत उपलब्ध दवाओं, जिनके साल्ट समान है कि कीमतों में असमानताओं का मुद्दा उठाया।
स्वास्थ्य मंत्री, यहां केंद्रीय ड्रग स्टेंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार और फ़ूड एन्ड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन, पंजाब के सहयोग से ‘उत्तरी राज्यों के ड्रग रेगुलेटरों की क्षमता निर्माण’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय चौथे क्षेत्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।
SAME SALT MEDICINES : दवाओं की कीमतों में समानता लाने की जरूरत
डॉ. बलबीर सिंह ने सभी दवाओं की कीमतों में समानता लाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि केंद्र सरकार को इन मुद्दों पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ”मैंने यह मुद्दा पहले ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष उठाया है।”
स्वास्थ्य मंत्री ने बाजार में उपलब्ध दवाओं की गुणवत्ता के बारे में भी चिंता व्यक्त की और संयुक्त ड्रग कंट्रोलर (भारत) से इस मुद्दे से निपटने के लिए एक ठोस नीति लाने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग ने दुनिया भर में उच्च गुणवत्ता, सस्ती और आसानी से उपलब्ध दवाएं सुनिश्चित करके वैश्विक स्वास्थ्य सेवा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत को गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक किफायती चिकित्सा उत्पादों के लिए विश्व फार्मेसी के रूप में जाना जाता है।
SAME SALT MEDICINES : दवा की लगभग हर पांचवीं गोली भारत में निर्मित
डॉ. बलबीर सिंह ने कहा, “भारत जेनेरिक दवाओं के मामले में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक और मूल्य के मामले में 10वां सबसे बड़ा उत्पादक है। दुनिया में मरीजों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली दवा की लगभग हर पांचवीं गोली भारत में निर्मित होती है।
आयुक्त एफ.डी.ए, पंजाब, डॉ. अभिनव त्रिखा ने ड्रग्स और कॉस्मेटिक्स अधिनियम/नियमों के प्रावधानों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए ऑनलाइन लाइसेंसिंग, दवा की गुणवत्ता और रेगुलेटरी इंफोर्समेंट सहित भारत सरकार के साथ राज्यों के विभिन्न सामान्य मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक समर्पित मंच विकसित करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने इंफोर्समेंट अधिकारियों के कौशल व व्यक्तित्व विकास के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों के महत्व पर भी जोर दिया व सी.डी.एस.सी.ओ को नियमित रूप से ऐसे समागम का प्रबंध करने की अपील की।
SAME SALT MEDICINES : गौरतलब है कि ड्रग्ज रेगुलेटरों की क्षमता बढ़ाने के लिए पंजाब, जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के 75 ड्रग कंट्रोल अधिकारियों के लिए यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दौरान अलग-अलग वक्ताओं जिनमें जेडीसी (1), सी.डी.एस.सी.ओ (मुख्य कार्यालय) नई दिल्ली डॉ. एस.ई. रेड्डी, पूर्व ड्रग कंट्रोलर ओडिशा हरुशिकेश महापात्रा, एसोसिएट डायरेक्टर-क्वालिटी ऑपरेशंस हेड, मेसर्स सिप्ला लिमिटेड सौरव घोष, डीजीएम- साइट क्वालिटी एश्योरेंस, मेसर्स सन फार्मा ऋषि कंसारा और एनपीपीए के अन्य अधिकारी प्रशिक्षण सत्र का संचालन करेंगे।
इस अवसर पर संयुक्त ड्रग कंट्रोलर (भारत) डॉ. एस. ईश्वरा रेड्डी, सचिव स्वास्थ्य-कम-कमिश्नर फ़ूड एंड ड्रग्ज एडमिनिस्ट्रेशन पंजाब डॉ. अभिनव त्रिखा और संयुक्त कमिश्नर (ड्रग्स) पंजाब संजीव कुमार भी उपस्थित थे।
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