DOCTOR’S FRAUD : FIR में एक धारा जिसमें बिना नोटिस अरेस्ट संभव
जालंधर। DOCTOR’S FRAUD : अपने पार्टनर्स डॉक्टरों से करोड़ों की धोखाधड़ी करने और डॉक्यूमेंट में हेर फेर कर सर्वोदय अस्पताल को घाटे में दिखाने के संगीन आरोपों के तहत डॉक्टर पंकज त्रिवेदी की शिकायत पर अस्पताल के डॉक्टरों पर FIR तो दर्ज हो गई है पर अब पुलिस आरोपी डॉक्टर कपिल गुप्ता, डॉ. राजेश अग्रवाल, डॉ. संजय मित्तल, डॉ. अनवर इब्राहिम खान और सीए संदीप कुमार सिंह निवासी नोएडा को गिरफ्तार क्यों नहीं कर पा ही, यह बड़ा सवाल है।
मालूम हो कि आरोपी डॉक्टरों और सीए पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 468, 471 और 477 के तहत FIR दर्ज हुई है। इस केस में ठगी मारने, साजिश रचने, पैसों को लेकर सरकारी विभाग को गुमराह करने, दस्तावेजों से छेड़छाड़ और फर्जी डॉक्यूमेंट पेश करने सहित कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज है।
DOCTOR’S FRAUD : हो सकती है उम्रकैद की सजा
एक्सपर्ट से बात करने पर पता चला कि जो धारा 467 है उसके तहत किसी भी आरोपी को नोटिस दिए बिना गिरफ्तार किया जा सकता है तो पुलिस किसका इंतज़ार कर रही या जानबूझ कर मामले को लटका रही है। मालूम हो इस धारा के तहत उम्रकैद की सजा हो सकती है।
अब अरेस्ट के बाद पूछताछ में ही सामने आएगा कि और कौन कौन लोग इस फर्जीवाड़े में शामिल थे। क्योंकि जब यह फ्रॉड किया गया तो सीए संदीप कुमार सिंह इतने सारे कागज़ात क्या अकेले बनाने में सफल रहे, या फिर उनके साथ इस धोखाधड़ी में बैंक के लोग, अकाउंटेंट, या फिर और CA की मिलीभगत है। पुलिस को यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने क्या सर्वोदय अस्पताल से वो कंप्यूटर या फाइल्स उठा कर अपने कब्जे में ले ली हैं जिनके साथ छेड़छाड़ हो सकती है।
DOCTOR’S FRAUD – एविडेंस से छेड़छाड़ संभव !

यह भी हो सकता है कि आरोपी पैसे वाले लोग हैं तो वो वहां काम कर रहे लोगों को लालच दे कर एविडेंस से छेड़छाड़ करवा सकते हैं। अगर अब तक कि पुलिस प्रशासन का एक्शन देखा जाये तो पहले ही उनकी कार्रवाई संदेह के घेरे में है। ऐसे में अगर पुलिस को अब पुलिस को अपनी छवि सुधारनी है तो बहुत तेज तर्रार और ईमानदारी के साथ काम करना होगा।
इस मामले में पुलिस का पक्ष जानने को जब SHO को फ़ोन किया गया तो उसने फ़ोन नहीं उठाया।





