कन्नड़ समर्थक समूहों ने विरोध प्रदर्शन किया
स्टारबक्स, हाउस ऑफ मसाबा स्टोर्स को भी निशाना बनाया
बेंगलुरु । यहां बुधवार को कन्नड़ समर्थक समूहों के विरोध प्रदर्शन के दौरान 20 से अधिक दुकानों में तोड़फोड़ की गई। वे मांग कर रहे थे कि स्थानीय व्यवसाय सरकार के 60 प्रतिशत अनिवार्य नियम का पालन करें।
इसमें सभी व्यवसायों के साइनबोर्ड और नेमप्लेट मूल भाषा में लिखे जाने चाहिए। कन्नड़ समर्थक संस्था कर्नाटक रक्षणा वेदिके (केआरवी) के प्रदेश अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा ने कहा कि बेंगलुरु में कारोबार करने वालों को स्थानीय भाषा अपनानी होगी।
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के अनुसार, कन्नड़ समर्थक प्रदर्शनकारियों ने हाउस ऑफ मसाबा, स्टारबक्स, थर्ड वेव कॉफी, फॉरेस्ट एसेंशियल्स और थियोब्रोमा जैसी कई दुकानों में तोड़फोड़ की।
केआरवी के प्रदर्शनकारियों ने अंग्रेजी में लिखे कई साइन बोर्ड और साइनेज तोड़ दिये।
गौड़ा ने कहा कि विभिन्न राज्यों के लोग बेंगलुरु में व्यवसाय कर रहे हैं। लेकिन वे अपनी दुकानों पर कन्नड़ नेमप्लेट नहीं लगाते हैं। वे केवल अपनी दुकानों की नेमप्लेट अंग्रेजी में लगा रहे हैं। अगर वे बेंगलुरु में वापस रहना चाहते हैं तो उन्हें नेमप्लेट लगानी होगी। गौड़ा ने कहा, ‘कन्नड़ में अपनी दुकानों पर अन्यथा उन्हें कर्नाटक से दूसरे राज्यों में जाना होगा।
उन्होंने कहा, कोई भी इसका ठीक से पालन नहीं कर रहा है, इसलिए आज हम एक विशाल जागरूकता विरोध रैली कर रहे हैं। अगर आज पुलिस हमें रोकेगी तो हमारा संघर्ष नहीं रुकेगा। उन्होंने कहा, ”जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, हम हर दिन रैली जारी रखेंगे।”
इस बीच विरोध प्रदर्शन के चलते कर्नाटक के दो मॉल बंद करने पड़े।
बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने कहा है कि सभी वाणिज्यिक दुकानों को 28 फरवरी तक अपने 60 प्रतिशत साइनेज को अंग्रेजी से कन्नड़ में बदलना होगा। इस मानदंड का उल्लंघन करने वालों को कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
मालूम हो कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने इस नियम का समर्थन किया था।